शिमला। हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर ‘शराब घोटाले’ में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर शराब के ठेकों की संख्या बढ़ा रही है।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर ने मीडियाकर्मियों से कहा, “बड़ी इकाइयां स्थापित करने के लिए व ठेकों को हासिल करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है। छोटे व्यापारी निविदा प्रक्रिया से दूर रहते हैं और सरकारी अधिकारी व्यापारिक घरानों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। कई स्थानों पर निविदाएं आरक्षित मूल्य से भी नीचे खोली गईं। ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि सरकार की बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत है। अन्यथा, इन निविदाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए था।”
उन्होंने कहा कि शराब के लिए दोबारा टेंडर निकालना पड़ा। “सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सभी ने टेंडर में आरक्षित मूल्य से कम दरें बताईं।”
उन्होंने कहा कि दबाव के कारण ऊना, नूरपुर और कांगड़ा में शराब की नीलामी रोक दी गई। “वहां शराब के कारोबार में कौन शामिल है? उन्हें कौन बचा रहा है? यह पूरा राज्य जानता है।”
ठाकुर ने कहा कि सरकार ने शराब नीति के नाम पर राज्य के राजस्व के साथ धोखा किया है।
बीजेपी नेता ने कहा, “इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधानसभा से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। हर जगह कहते हैं कि शराब नीति से 40 फीसद राजस्व का फायदा हुआ है, लेकिन सच्चाई यह है कि ठेके उनके लोगों को औने-पौने दामों पर बेच दिए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “ठेकेदारों ने अभी तक पिछली नीलामी का पैसा जमा नहीं किया है। वे हाई कोर्ट से राहत की मांग रहे हैं। कांग्रेस ने भी अपने पिछले कार्यकाल में बड़ी इकाई बनाकर ठेकों की नीलामी की थी। इससे 200 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस बकाया रह गई थी।”
ठाकुर ने कहा कि सरकार कोविड-19 अवधि के दौरान के राजस्व संग्रह की तुलना कर रही है।