कुलगाम जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में तीन जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक अधिकारी घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि जिले के आदिगाम गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ समेत सुरक्षाबलों ने इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।
अधिकारियों के अनुसार, “सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया। जब आतंकियों ने खुद को घिरा देखा तो उन्होंने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से सेना के तीन जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक अधिकारी घायल हो गया। सुरक्षाबलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी भागने के रास्ते बंद कर दिए हैं कि छिपे हुए आतंकवादी भागने में असमर्थ हों। मुठभेड़ स्थल पर पहले ही अतिरिक्त बल पहुंच चुके हैं। घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है।”
माना जा रहा है कि ये आतंकवादी कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी हैं। इन आतंकवादियों ने पिछले तीन-चार महीनों के दौरान जम्मू डिवीजन के डोडा, कठुआ, राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में सेना, स्थानीय पुलिस और नागरिकों पर हमला कर उन्हें मार गिराया है।
पहाड़ी इलाकों में सेना और अन्य लोगों पर घात लगाकर हमला करने के बाद आतंकवादी इन पहाड़ी जिलों के घने जंगलों और वन क्षेत्रों में भाग जाते हैं।
आतंकवादियों के हमलों को नाकाम करने के लिए, जम्मू डिवीजन के ऊंचे पर्वतीय इलाकों और घने जंगलों में 4,000 से अधिक पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया था। सुरक्षाबलों की इस रणनीति के बाद, इन जिलों में आतंकवादी हमलों में भारी कमी आई है।