पटना। जन सुराज ने आगामी 13 नवंबर को होने वाले बिहार के चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का ऐलान करते हुए तरारी विधानसभा सीट के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। इस सीट से जन सुराज की ओर से पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्री कृष्ण सिंह को मैदान में उतारा गया है।
एसके सिंह के नाम की घोषणा के अवसर पर प्रशांत किशोर ने कहा कि तरारी की पहचान अब तक बालू माफिया, भूमि माफिया, और जातीय हिंसा के केंद्र के रूप में रही है, लेकिन श्री कृष्ण सिंह उसी तरारी के गांव से निकले बिहार के लाल हैं। उनका चयन जन सुराज की पहचान और बिहार की नई दिशा तय करने के अभियान का हिस्सा है। उन्होंने आगे कहा, भाजपा का भविष्य बिहार में अंधकारमय नजर आ रहा है, और इसका कारण भाजपा के द्वारा चयनित उम्मीदवार और जन सुराज द्वारा चयनित उम्मीदवार के बीच का अंतर है। और यही अंतर भाजपा के अंधकार और जन सुराज के उजाले का कारण है।
जन सुराज के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने जताया आभार
जन सुराज के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने भी इस मौके पर श्री कृष्ण सिंह के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा, एक ऐसे व्यक्ति, जिन्होंने देश की सेना में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी और आज जन सुराज के टिकट पर तरारी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए हैं, हमें उन पर गर्व है। लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह ने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है और अब समाज और बिहार की सेवा के लिए आगे आए हैं।
श्री कृष्ण सिंह ने कहा, – 41 वर्षों तक सेना में सेवा देने और 4 वर्षों तक न्यायिक क्षेत्र में कार्य करने के बाद अब अपने गांव के लिए काम करना चाहता हूँ
लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कहा, प्रशांत किशोर और उनकी टीम पिछले ढाई सालों से गांव-गांव जाकर मेहनत कर रही है, ऐसे उम्मीदवारों को ढूंढ रही है जो बिहार की सेवा करना चाहते हैं। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि जन सुराज ने मुझे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना है। मेरी जड़ें तरारी के गांव से जुड़ी हैं और मैंने हमेशा अपने गांव और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी है। सेना में 41 साल की सेवा और न्यायिक क्षेत्र में 4 साल की नौकरी के बाद अब मैं अपनी दूसरी पारी में समाज और अपने गांव के लिए काम करने के लिए तैयार हूं।
श्री कृष्ण सिंह ने अपने सैन्य करियर के बारे में बताते हुए कहा, मैंने भारतीय सेना के विभिन्न अहम पदों पर कार्य किया, सियाचिन ब्रिगेड का कमान संभाला, कोरा डिवीजन में भूकंप पुनर्वास का नेतृत्व किया, और लेह में सबसे कठिन परिस्थितियों में सेना का कमान किया। मेरी सेवा के दौरान मुझे कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए, और अब मैं अपने अनुभव का उपयोग समाज और बिहार के विकास के लिए करना चाहता हूं।