जन सुराज की राज्य स्तरीय हुई बैठक, सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय- दल के नेतृत्व का पहला अवसर दलित समाज को

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रविवार 28 जुलाई को पटना के बापू सभागार में जन सुराज अभियान के पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पूरे बिहार से जन सुराज के संगठन से जुड़े करीब 15 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में सर्वसम्मति से जन सुराज अभियान से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

सबसे पहले बैठक में सर्वसम्मति से दो प्रस्ताव पारित किए गए 

पहला प्रस्ताव – जन सुराज पदयात्रा को जारी रखते हुए इस पूरे अभियान को 2 अक्तूबर 2024 को एक राजनीतिक दल में परिवर्तित किया जाएगा।

दूसरा प्रस्ताव – जन सुराज अभियान जब दल बनेगा तो इसके नेतृत्व का पहला अवसर दलित समाज को मिलेगा, उसके बाद अति-पिछड़ा और मुस्लिम समाज में से नेतृत्व का फैसला किया जाएगा।

पदाधिकारियों की इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कई महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों को पांच बड़े वर्गों में रखा जा सकता है। इसमें सामान्य वर्ग के लोग, ओबीसी वर्ग के लोग, अति-पिछड़ा समाज के लोग, दलित समाज के लोग और मुस्लिम समाज के लोग शामिल हैं।

जिस वर्ग की जितनी संख्या है, उस वर्ग के उतने लोग जन सुराज का नेतृत्व करने वाली 25 सदस्यीय समिति में शामिल होंगे। यही सामाजिक प्रतिनिधित्व जन सुराज की सभी समितियों और टिकट वितरण में भी सुनिश्चित किया जाएगा। सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि इस 25 सदस्यीय समिति में शामिल होने के लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन दे सकता है। उसके लिए दो शर्तें रखी गई हैं –

पहली शर्त – कम से कम 5 हजार लोगों को जन सुराज से जोड़ना होगा।

दूसरी शर्त – सामान्य शैक्षणिक योग्यता का भी होना जरुरी है।

प्रशांत किशोर ने जन सुराज के नेतृत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि जन सुराज का नेतृत्व करने का अवसर भी इन्हीं पांच वर्गों में से किसी एक वर्ग के व्यक्ति के पास होगा। जन सुराज का नेतृत्व करने का मौका सभी वर्ग के व्यक्ति को एक-एक साल के लिए मिलेगा। पांच साल के भीतर सभी वर्ग के लोगों को एक-एक बार जन सुराज का नेतृत्व करने का अवसर होगा।

जन सुराज में नेतृत्व करने का पहला अवसर दलित समाज के व्यक्ति को देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। इसका कारण है कि समाज में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक नजरिए से सबसे गरीब और पिछड़ा वर्ग दलित समाज है। इसके बाद दूसरा अवसर अति-पिछड़ा समाज या मुसलमान समाज को को दिया जाएगा। इस चुनाव में कोई दलित वर्ग का व्यक्ति शामिल नहीं होगा। इसके बार ओबीसी और सामान्य वर्ग के बीच से किसी व्यक्ति को जन सुराज का नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।

दल के नेतृत्व को चुनने के लिए 7 सदस्यीय चुनाव समिति की घोषणा की गई। इसमें समस्तीपुर से डॉ भूपेंद्र यादव, बेगूसराय से आर एन सिंह, गोपालगंज से सुरेश शर्मा, सिवान से गणेश राम, पूर्वी चंपारण से डॉ मंजर नसीर, भोजपुर से अरविंद सिंह और मुजफ्फरपुर से स्वर्णलता सहनी शामिल है। इसके अलावा जन सुराज का संविधान लिखने के लिए 121 लोगों को जन सुराज संविधान निर्माण में भी जगह दी गई।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.