बिहार विधान परिषद की एक सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं. विधायक कोटे से भरे जाने वाले इस सीट के लिए आज 6 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 13 जनवरी तक नामांकन पत्र लिए जाएंगे. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 23 जनवरी को मतदान होगा. राजद विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद रिक्त सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं. विधायकों की संख्या बल के हिसाब से एनडीए की जीत पक्की मानी जा रही है. सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के अंदर यह सीट जेडीयू के खाते में गई है. जेडीयू के अंदर उम्मीदवारी की रेस में कई नाम थे, लेकिन पार्टी ने एक नाम पर मुहर लगा दी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर ऐलान बाकी है. बताया जाता है कि जेडीयू अतिपिछड़ा जाति से उम्मीदवार दे रही है।
जेडीयू ने तय किए नाम …
बिहार विधान परिषद की एक सीट पर हो रहे उप चुनाव को लेकर जेडीयू ने उम्मीदवार का चयन कर लिया है. जानकारी के अनुसार, रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वरिष्ठ सहयोगियो के साथ मंथन किया था. बताया जाता है कि इस बार अतिपिछड़ा समाज से आने वाली जाति ‘धानुक’ समाज से कैंडिडेट दिया जा रहा है। बताया जाता है कि उम्मीदवार के नाम का ऐलान कभी भी किया जा सकता है. अब तक यही चर्चा थी कि इस बार नीतीश कुमार अति पिछड़ा समाज के नेता को विधान परिषद भेज सकते हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा था , क्यों कि 2023-24 में जेडीयू ने ब्राह्मण-पिछड़ा-अल्पसंख्यक को विप-रास में प्रतिनिधित्व दिया था. अति पिछड़ा समाज इससे वंचित रह गया था.
राजद के चंद्रवंशी की सदस्यता गई तो जेडीयू के कुशवाहा बने एमएलसी
लालू परिवार के खिलाफ बगावत करने पर 2024 में राजद एमएलसी रामबली चंद्रवंशी की विधान परिषद की सदस्यता चली गई थी. राजद के कंप्लेन के आधार पर विधान परिषद सभापति ने सदस्यता खत्म कर दी. रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता खत्म होने के बाद खाली सीट सत्ताधारी गठबंधन में जेडीयू के खाते में गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सीट से पिछड़ा समाज से आने वाले भगवान सिंह कुशवाहा को विधान परिषद भेजा. पिछले साल(2024) विधान परिषद के 6 वर्ष वाले हुए चुनाव में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज से आने वाले खालिद अनवर को रिपीट किया. यानि विधान परिषद में दूसरी दफे भेजा.
उपेन्द्र कुशवाहा की सीट पर राजवर्धन आजाद विप भेजे गए
जेडीयू से विधान परिषद भेजे गए उपेन्द्र कुशवाहा ने 2023 में इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे से खाली हुई सीट पर हुए उप चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ब्राह्मण समाज से आने वाले राजवर्धन आजाद को विप का उम्मीदवार बनाया. आजाद विधान परिषद पहुंच गए. इसके बाद जेडीयू ने पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय झा जो ब्राह्मण समाज से आते हैं, इन्हें 2024 में राज्यसभा भेजा. इस तरह से 2023 अक्टूबर से लेकर 2024 तक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज, पिछड़ा समाज और सवर्ण (ब्राह्मण) को विधानपरिषद और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया है.
बता दें, भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते ही विधानसभा कोटे की विधान परिषद में रिक्त एक सीट पर मतदान को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया था. आयोग के कार्यक्रम के अनुसार अगर जरूरत पड़ेगी तो मतदान 23 जनवरी को होगा। इससे पहले छह जनवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। नामांकन करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी निर्धारित की गई है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 14 जनवरी को होगी। नाम वापसी की तिथि 16 जनवरी है।अगर जरूरत पड़ी तो मतदान 23 जनवरी को सुबह नौ बजे से दोपहर चार बजे तक कराया जाएगा। मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से आरंभ हो जाएगी। गौरतलब हो कि विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह की सदस्यता 27 जुलाई, 2024 को समाप्त कर दी गई थी। अब नए नवनिर्वाचित सदस्य का कार्यकाल 28 जून- 2026 तक होगा।