I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक मंगलवार यानी 19 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही है. इसमें बैठक में I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल विपक्षी पार्टियों के नेता आएंगे. यह बैठक काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी और कौन, कहां से चुनाव लड़ेगा, इस पर भी बातें होंगी. इस बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सोमवार को पटना से दिल्ली चले गये हैं. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने वाले हैं.
इस बीच I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक के एक दिन पहले ही नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के नेता ने बड़ी मांग कर दी है. जदयू के विधायक ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करने का मांग की है. जेडीयू के बाल्मीकि नगर विधायक और नीतीश कुमार के बेहद करीब रिंकू सिंह ने बयान जारी किया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नितीश कुमार स्वच्छ और ईमानदार छवि के व्यक्ति हैं. उनको छोड़कर इंडिया गठबंधन में कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसको आगे करके लोकसभा का चुनाव जीता जा सकता है.
‘नीतीश कुमार ने दी बिहार को नई पहचान’
रिंकू सिंह ने कहा कि मंगलवार को I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक होने वाली है, उसमें नीतीश कुमार, जिन्होंने बिहार को एक नई पहचान दी, उनको विकास पुरुष कहा जाता है, उन्होंने बिहार के विकास के लिए दशा और दिशा दी है. इसलिए, बैठक में उनको प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए .उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन से प्रधानमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार को घोषित कर दिया जाता है तो गठबंधन को काफी फायदा होगा. क्योंकि, इंडिया गठबंधन में मात्र नीतीश कुमार ही एक ऐसे नेता हैं जो स्वच्छ और ईमानदार छवि के नेता हैं.
जदयू विधायक ने आगे कहा, “अगर नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम सब 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो हम लोग विजय हो पाएंगे, वरना इंडिया गठबंधन में ऐसा कोई चेहरा नहीं है, जिसको प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर आगे करे और वो सफल हो जाए.” हालांकि, नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने की मांग पहले से भी जदयू नेता और कार्यकर्ता करते रहे हैं.
जेडीयू नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अलग से तैयारी कर रही है. हालांकि, नीतीश कुमार खुद इससे इनकार कर चुके हैं. कुछ दिन पहले पटना में भीम संसद किया गया था, जिसमें काफी संख्या में दलित समाज के लोगों को बुलाया गया था. एक दिन पहले हाटे बजारे नीतीशे कुमार का अभियान के तहत वैश्य समाज को एकजुट करने का प्रयास किया गया है.