बिहार विधान परिषद की एक सीट पर 12 जुलाई को चुनाव होना है. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है जदयू ने इस सीट के लिए भगवान सिंह कुशवाहा का नाम तय कर लिया है. भगवान सिंह कुशवाहा शाहाबाद के बड़े कुशवाहा नेताओं में से एक माने जाते हैं. 2020 विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में शाहाबाद और मगध क्षेत्र में जदयू और एनडीए को बड़ा झटका लगा है, और इसलिए नीतीश कुमार ने भगवान सिंह कुशवाहा का नाम तय कर नाराज कुशवाहा को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
MLC की एक सीट के लिए जेडीयू उम्मीदवार तय : हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक भगवान सिंह कुशवाहा के नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भगवान सिंह कुशवाहा की मुलाकात हो गई है और नीतीश कुमार ने भगवान सिंह कुशवाहा को हां कह दिया है. बिहार में लोकसभा चुनाव में राजद की तरफ से कुशवाहा वोट बैंक को साधने की कोशिश की गई महागठबंधन को उसमें सफलता भी मिली है।
रामबली सिंह को अयोग्य घोषित होने पर खाली हुई सीट : ऐसे नीतीश कुमार का लव कुश वोट बैंक आधार वोट बैंक रहा है. इसीलिए नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले इस वोट बैंक को फिर से अपने साथ लाने में लगे हैं भगवान सिंह कुशवाहा एक बड़ी कड़ी हो सकते हैं. विधान परिषद की सीट राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह को अयोग्य घोषित करने के बाद खाली हुआ है. राजद की ओर से रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर विधान परिषद के तत्कालीन सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने फैसला लिया था. उनकी सदस्यता 6 फरवरी को समाप्त कर दी थी, तब से यह सीट खाली है।
विधान परिषद चुनाव का शेड्यूल : चुनाव आयोग ने बिहार के साथ कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के विधान परिषद की कुल 5 सीटों पर चुनाव की घोषणा पिछले दिनों की है. चुनाव आयोग की तरफ से की गई घोषणा के अनुसार 25 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी. 2 जुलाई को नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे. 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी. वहीं, 5 जुलाई तक नामांकन पत्र वापसी की जा सकेगी. 12 जुलाई को सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन सभी वोटों की गिनती की जाएगी और नतीजों की घोषणा होगी।
देवेश चंद्र ठाकुर ने भी खाली की है सीट : बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं. फिलहाल 2 सीट खाली है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा का चुनाव सीतामढ़ी से जीते हैं तो उन्होंने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा हाल ही में दिया है. ऐसे में एक सीट पर चुनाव होने के बाद भी विधान परिषद में एक सीट फिलहाल खाली रहेगी।