बिहार के शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर राजद और जदयू आमने सामने है. शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने अपने PS के जरिए पीत पत्र जारी कर केके पाठक सहित विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठा दिया है. वहीं आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद संज्ञान लेते हुए केके पाठक को कान पकड़कर बाहर निकाल देना चाहिए. अब जेडीयू कोटे से नीतीश कैबिनेट में मंत्री श्रवण कुमार ने केके पाठक का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने इस दौरान शिक्षा मंत्री के लेटर का भी विरोध किया है।
जदयू कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच उपजे विवाद को लेकर कहा कि बिहार का हर बंदा जानता है कि केके पाठक कितने कड़क अधिकारी हैं. वह सारी कार्रवाई वह नियमों के अनुसार करते हैं. अब शिक्षा मंत्री और उनके बीच क्या मामला है, इसके बारे में मैं नहीं जानता हूं. इस दौरान श्रवण कुमार ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बीजेपी के कई सांसद-नेता जेडीयू के संपर्क में है।
इससे पहले एससी एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमाने तरीके से फरमान जारी कर रहें हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के आदेश पर नराजगी जताते हुए रत्नेश सदा ने कहा कि महादलित टोला सेवक द्वारा पढ़ाए जाने वाले बच्चों की 90% उपस्थिति नहीं होने पर अऩुदान की कटौती का आदेश सही नहीं है. इस आदेश को जारी कर के.के पाठक महादलित के साथ अन्याय करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह व्यवहार अशोभनीय है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्रीजी से हम बात करेंगे।
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने ही विभाग केअपर मुख्य सचिव केके पाठक पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने पाठक को पीत पत्र जारी कर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. मंत्री ने कहा कि आईएएस केके पाठक अपनी रॉबिनहुड छवि चमकाने, सुर्खियों में आने और राजनेताओं का ध्यान खींचने के लिए ऐसे काम कर रहे हैं, जिससे विभाग के बारे में निगेटिविटी फैल रही है. मंत्री चंद्रशेखर ने एसीएस को ‘हीरो बनने’ वाले कामों से दूर रहने की चेतावनी दी है।