पटना: जदयू प्रदेश कार्यकारिणी की शनिवार को बैठक हुई. आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर यह बैठक बुलाई गई, लेकिन बैठक से पहले एक बार फिर से बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का मामला तूल पकड़ने लगा है. भूमिहारों के खिलाफ दिए गए उनके बयान का मामला आज की बैठक से पहले चर्चा का विषय बना रहा.
‘नीतीश ही होंगे NDA के सीएम कैंडिडेट’
जदयू के परबत्ता से विधायक डॉ संजीव ने बताया कि आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य है, आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन बेहतर करना. आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए 225 सीटों पर जीत हासिल करेगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे, यह इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है.
“2025 में नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. बैठक का मुख्य उद्देश्य यही है. अशोक चौधरी का प्रमोशन मेरे समझ से परे है.”-डॉ संजीव, जेडीयू विधायक
क्यों ललन सिंह सिंह बैठक में नहीं पहुंचे?
आज की बैठक में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के शामिल नहीं होने पर डॉ संजीव ने बताया कि व्यक्तिगत कारणों से ललन सिंह आज की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. पार्टी में कोई भी मतभेद नहीं है. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.
‘जाति सूचक शब्द लेना दुर्भाग्यपूर्ण’
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा भूमिहार समाज पर की गई टिप्पणी पर डॉ संजीव ने कहा कि पार्टी के नेता जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हैं. भूमिहारों के खिलाफ बयान देते हैं. इसकी उन्होंने शुरू में भी निंदा की है और आज भी निंदा कर रहे हैं. भूमिहार के खिलाफ जिस तरीके से गलत बयान बाजी की जा रही है, यह गलत है. भूमिहार समाज शुरू से ही एनडीए को वोट देता रहा है.
‘महासचिव बनाना दुर्भाग्यपूर्ण’
जदयू विधायक डॉ संजीव ने अशोक चौधरी के पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने पर कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है. ऐसे लोगों को क्यों गिफ्ट मिलता है, यह उनके समझ के बाहर की बात है.
‘नीतीश कुमार को भारत रत्न मिले’
जदयू विधायक ने कहा कि जदयू के सभी नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न मिले. वह इसके लिए डिजर्व करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को पिछले 20 वर्षों में बदला है. बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्णा सिंह के बाद यदि बिहार को बदलने का काम यदि किसी ने किया है तो वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है.