बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जद यू. प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर ” ग्रैंड्यूर डिल्यूजन ” नामक मानसिक विकार से पीड़ित हैं । इसको “बड़प्पन का भ्रम ” भी कहते हैं । इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति स्वयं के महाज्ञानी होने, महान होने , महत्वपूर्ण होने और होशियार होने जैसे भ्रमों को पाल लेता है और उन्हीं भ्रमों में जीवन जीने लगता है। सीएम नीतीश कुमार जैसे विशाल व्यक्तित्व पर उनके हमलों को इसी संदर्भ में देखने की आवश्यकता है ।
पीके के मुद्दा की निकली हवा….
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर अभी तक नीतिगत मुद्दों पर सरकार को घेरने में बुरी तरह असफल रहे हैं । पीके को इतनी छोटी बात भी समझ में नहीं आ रही कि बीस साल से सत्ता में होने के बावजूद अभी तक नीतीश सरकार के खिलाफ एक भी एंटी एस्टेब्लिशमेंट का स्वर खोज नहीं पाए , कोई ऐसा मुद्दा जिसको लेकर वो जनता के बीच जा सकें । जब कुछ नहीं मिला तो जबरदस्ती बीपीएससी को मुद्दा बनाने का प्रयास किया, लेकिन उसकी भी हवा निकल गई । अब चारों ओर से निराश होने के बाद पीके नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं । उनके उम्र और स्वास्थ्य के बारे में गोइबल्स की तरह झूठे प्रचार में लग गए हैं , लेकिन इसका भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा । क्योंकि लोग रोज देख रहे हैं कि नीतीश कुमार किस ऊर्जाशीलता से नित्य प्रशासनिक कार्यों का संपादन कर रहे , पूरे बिहार में घूम घूम कर विकास कार्यों का जायजा ले रहे ।
प्रशांत किशोर की लुटिया डूब चुकी है-जेडीयू
जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि अपनी तथाकथित महानता के किस्से सुना-सुना कर बाजार बनानेवाले पीके की लुटिया हाल में संपन्न उपचुनाव में बुरी तरह डूब चुकी है । अगले विधानसभा चुनाव में भी उन्हें अपना हश्र पता है.पीके जिसे जनसुराज आंदोलन कहते हैं, वह आईपैक के कर्मचारियों का समूह मात्र हैं, जिसका बिहार के आम आवाम से कोई लेना-देना नहीं है.