प्राप्त संसाधनों से ही उन्नति की राह कैसे निकलती है, अगर देखना हो जहानाबाद शहर से मात्र आठ किमी दूर मांदिल पंचायत आएं। यहां 52 एकड़ भू भाग में फैले तालाब का सुंदरीकरण और नौका विहार की व्यवस्था कर मुखिया ने पर्यटन का बड़ा केंद्र बना दिया। इससे यह मांदिल पंचायत पर्यटन के मानचित्र पर तेजी से उभरा ही, कमाई का बड़ा स्रोत भी बन गया। अब गांव के लोग भ्रमण के लिए शहर नहीं जाते, बल्कि पूरा शहर ही हर शाम में उठ कर मांदिल चला आता है।
नौका विहार का आनंद उठाते हैं लोग
तय शुल्क देकर नौका विहार का आनंद उठाते हैं। एक व्यक्ति का शुल्क 30 रुपये है, इससे इतनी आमद हो जाती है, कि नौका संचालन और रख रखाव के लिए छह ग्रामीणों का मासिक मानदेय निकल जाता है। इससे अतिरिक्त बची रकम नौका विहार का अलग बैंक खाता खोल जमा की जा रही है। अभी इसमें 50 हजार रुपये जमा हैं। मुखिया की योजना है कि भविष्य में इस खाते से 10 -10 हजार रुपये स्वरोजगार को इच्छुक लोगों को बिना ब्याज के दिए जाएंगे।
मुखिया ने बदल दी पंचायत की तस्वीर
सात वर्ष के कार्यकाल में मांदिल पंचायत मुखिया ने पंचायत की पूरी तस्वीर ही बदल दी। 16 हजार की आबादी वाली पंचायत में लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार का भी प्रबंध किया है। कौशल विकास केंद्र से दो दर्जन महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। नौका विहार में छह, वनपालक में 16 और स्वच्छता में 32 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
16 निजी तालाब का निर्माण करा कर लोगों को मछली पालन के व्यवसाय से जोड़ा है। हर घर बिजली, हर घर नल का जल लोगों को मिल रहा है। पंचायत के तीन गांव जमुआमा, पकड़ी व सलेमपुर में तीन नए अस्पताल भवन हैं, जिनमें एक निर्माणाधीन है। इस पंचायत में जिले का एकलौता माडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन है।
लोगों की समस्या जानने के लिए पंचायत सरकार भवन में हर दिन मुखिया दरबार लगाते हैं। गांव टोला में घूम घूम कर अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। इस वजह से पंचायत के अधिकतर स्कूलों में नामांकन 90 से 92 प्रतिशत है।
पंचायत का सर्वांगीण विकास केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं के तत्परता से क्रियान्वयन के कारण संभव हो सका है। मेरा लक्ष्य अपनी पंचायत को देश में नंबर वन बनाना है। – बबलू कुमार, मुखिया, मांदिल पंचायत, जहानाबाद
2018 से लेकर 2023 के बीच मुखिया को मिले नौ पुरस्कार
पंचायत के सशक्तीकरण को लेकर 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुखिया बबलू कुमार को एक साथ दो पुरस्कार से आनलाइन सम्मानित किया था। पेंशन व राशन योजना में बेहतर कार्य के लिए 2020 में नेपाल के उप प्रधानमंत्री के हाथों भी मुखिया सम्मानित किए जा चुके हैं। 2018 से लेकर 2023 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में पंचायत के बेहतरी के लिए कुल नौ पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।