हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है. मांझी के बीजेपी के साथ जाने की चर्चा तेज है. वहीं इस बीच आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवाननंद तिवारी ने मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि मंत्रिमंडल से हटने के लिए इस्तीफ़ा किसको दिया जाता है, यह जीतन बाबू ने सुमन जी को शायद नहीं बताया था. विजय कुमार चौधरी को इस्तीफ़ा देने का क्या मतलब था! इस उम्मीद में कि नीतीश कुमार मनावन करेंगे. लेकिन उल्टा हो गया. इस्तीफ़ा मंज़ूर हो गया।
शिवानंद तिवारी ने आगे कहा कि संतोष सुमन कह रहे हैं कि जदयू में ‘हम’ को विलीन करने के लिए कहा जा रहा था. हम के नेतृत्व से जबरन यह कोई कैसे करा सकता था! यह तो कहने की बातें हैं. जो कुछ हुआ उसकी पटकथा कहां और किसके द्वारा लिखी गई है यह बात भी छिपी रहने वाली नहीं है. कहीं ऐसा नहीं हो कि जीतन बाबू ‘चौबे’ से ‘छब्बे’ बनने के चक्कर में ‘दूबे’ भी नहीं बन पाएं. सुमन, विधान सभा का चुनाव हारने के बाद लालू जी की कृपा से विधान परिषद के सदस्य हैं. उसी हैसियत से नीतीश मंत्रिमंडल के सदस्य थे।
राजद नेता ने कहा कि जीतन बाबू की बेचैनी की वजह दूसरी है. अभी गया में इनकी बेटी मेयर का चुनाव लड़ी थीं. शायद ज़मानत बचाने लायक़ वोट भी नहीं पा सकीं. अभी-अभी दो तीन दिन पहले गया नगर निगम के उप चुनाव में इनके निकटस्थ को मात्र तेरह वोट मिल पाया. दरअसल नीतीश कुमार की कृपा से मुख्यमंत्री बनने के बाद जीतन बाबू आसमान में पहुंच गए हैं. उनका उतावलापन रोज़ाना उनके अखबारी बयानों में नज़र आता है. लगता है कि अपने उतावले पन का शिकार उन्होंने अपनी दूसरी पीढ़ी को ही बना दिया है।
बता दें कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष सुमन अब नीतीश कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहे. मंत्री पद से संतोष सुमन का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. कैबिनेट सचिवालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. बिहार कैबिनेट सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि मांझी के बेटे संतोष सुमन का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. जिसके बाद अब संतोष सुमन राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे।