केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी ने आज शनिवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 43वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) के हॉल नंबर 6 में “एमएसएमई मंडप” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मांझी ने मंडप में विभिन्न प्रदर्शकों से बातचीत की और उन्हें मेले में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके साथ एमएसएमई मंत्रालय के डीसी डॉ. रजनीश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
मंत्रायल ने कहा कि एमएसएमई मंडप में देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। इस बार मंडप का मुख्य विषय “हरित एमएसएमई” है, जो एमएसएमई द्वारा अपने व्यवसाय संचालन को बदलने के लिए स्वच्छ यानी हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर देता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में किया गया जागरूक
इस दौरान प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक ‘नुक्कड़ नाटक’ भी प्रस्तुत किया गया। “पीएम विश्वकर्मा योजना” जिसमें 8 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को अंतिम सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया था।
आईआईटीएफ-2024 के 43वें संस्करण में एमएसएमई मंडप में उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है, जिसमें कपड़ा, हथकरघा, हस्तशिल्प, कढ़ाई, चमड़े के जूते, खेल और खिलौने, बांस शिल्प, बेंत की वस्तुएं, रत्न और आभूषण, चीनी मिट्टी और मिट्टी के बर्तनों के उत्पाद, यांत्रिक वस्तुएं आदि शामिल हैं। ये मेला सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई), विशेष रूप से महिलाओं और एससी तथा एसटी के स्वामित्व वाले उद्यमों और आकांक्षी जिलों के उद्यमियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को संभावित ग्राहकों के एक बहुत बड़े समूह तक बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।
समावेशी विकास के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप, 200 स्टॉलों में से 71 फीसदी स्टॉल महिला उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं और 45 फीसदी स्टॉल अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों को निःशुल्क आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 35 फीसदी स्टॉल आकांक्षी जिलों के उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं, जिसमें 85 फीसदी से अधिक प्रतिभागी पहली बार भाग ले रहे हैं।