बिहार में जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हो चुके हैं. नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की राहें बिल्कुल अलग हो चुकी है. हम पार्टी को जदयू में विलय करने को लेकर अब जीतन राम मांझी खुलकर नीतीश कुमार के सामने आ चुके हैं.बेटे के इस्तीफे पर मांझी ने कहा कि शराब और बालू को लेकर हमने नीतीश कुमार से कई शिकायतें की थी। लेकिन हमारी नीतीश कुमार ने एक बात नहीं सुनी. वहीं जीतन राम मांझी ने आठ साल पहले हुए घटना के बारे में खुलकर बात की. मांझी ने नीतीश कुमार से पूछा कि मेरे नौ महीने के मुख्यमंत्री के काल में ऐसी कौन सी गलती की थी कि मुझे हटा दिया गया. नीतीश कुमार ने उस समय मेरे साथ जो किया वह बिल्कुल गलत था।
मांझी ने कहा कि ललन सिंह के कहने या न कहने से क्या होता है. देखिए यह आप लोग भूल जाते हैं, मालूम नहीं क्यों भूल जाते हैं. हमने सब दिन कहा है कि हम महागठबंधन में नहीं है हम नीतीश कुमार के साथ थे तो नीतीश कुमार के साथ हम हटे हैं. महागठबंधन में हम रहे या ना रहे यह जो कहता है यह फालतू बात करता है. महागठबंधन में कब थे? मांझी ने कहा कि 23 के बाद आप लोग देखिएगा कि हम क्या करते हैं।
मांझी ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री था, इस नाते मैं संगठन का नेता था, कोई भी बैठक बुलाने का अधिकार था, मैंने 19 फरवरी 2015 को बैठक बुलाई थी. लेकिन अचानक नीतीश कुमार ने शरद यादव को मिलाकर हमें मुख्यमंत्री पद को लेकर हटाने की पूरी कोशिश की गई और नीतीश कुमार ने 13 फरवरी को गैर कानूनी तरीके से बैठक बुला ली. मुझे कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. जीतन राम मांझी ने ललन सिंह के छोटी दुकान का जवाब देते हुए तो उन्होंने कहा कि हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन वह क्या बोलते हैं उनसे फर्क नहीं पड़ता हमारे लोग लगातार कह रहे थे कि आप निश्चित कुमार से अलग हो जाए हमने फैसला ले लिया है और अब आगे का फैसला 18 जून को लिया जाएगा।
जीतनराम मांझी ने कहा कि मैं जहां भी गया जनता ने हमको इजाजत दिया कि अब नीतीश कुमार के साथ आपको नहीं रहना है जिसके बाद हमने यह फैसला लिया है. खास करके मर्ज करने को लेकर जो प्रस्ताव आया था उसका विरोध किया गया था. हमने शुरू से ही तय कर लिया है कि हमारी पार्टी किसी में मर्ज नहीं होगी हमारी पार्टी स्वतंत्र रूप से काम करेगा. इसके बाद भी वो लोग दवाब बनाते रहे इसके बाद कल संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया।