बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह के विवादित बयान पर सियासत तेज हो गई है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सुधाकर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए. लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अधिकार है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी लोकतांत्रिक तरीके से देश को आजाद कराया था. उस वक्त किसी के मुंह पर थूकने की बात नहीं आई थी. कई क्रांतियां हुईं. यह ओछी बात है. हमे भी मालूम है कि नीतीश कुमार के राज में पदाधिकारी बेलगाम हो गए हैं. जब हम साथ में थे तो कहा करते थे कि यहां पदाधिकारी मंत्री या विधायक की बातों को नहीं सुनते हैं. सिर्फ आपकी (नीतीश कुमार) बातों को सुनते हैं. यही कारण है कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ी है. लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के मुंह पर थूक दो, जूता का माला पहना दो।
मांझी ने जातीय गणना पर कहा कि हिंदुस्तान की शैक्षणिक स्थिति 80% है. एससी जाति में 28 से 30 प्रतिशत ही शिक्षित हैं. गरीबों की जनसंख्या को कम आंका गया है. एससी को दो भागों में बांटा गया है. 1931 में जिसकी आबादी 5 से 8 प्रतिशत हो गई, लेकिन एससी जाति में पहले 3 प्रतिशत था आज भी 3 प्रतिशत ही है जबकि यह रिपोर्ट है कि अमीरों की तुलना में गरीबों की जनसख्या ज्यादा बढ़ती है. एससी जाति में दुगुना या तीन गुना बढ़ोतरी होनी चाहिए थी।