लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी के भाषण पर केन्द्रीय मंत्री और गया से सांसद जीतनराम मांझी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा की सदन को राहुल गांधी से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन आज राहुल गाँधी ने अपने पूरे भाषण में जिस तरह से सिर्फ हिन्दू-हिन्दू और हिन्दू पर बात की। वह निराशाजनक और निंदनीय हैं। मांझी ने कहा की विपक्ष के नेता का काम जनसरोकार के मुद्दो को उठाना है ना की इस तरह की बेतुकी बात करना।
वहीँ कांग्रेसी नेताओं में कहा की लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश के युवाओं के ज्वलंत मुद्दा नीट, अग्निवीर सहित देश के मौजूदा सच्चाईयों के शत प्रतिशत उजागर करने से सत्ता पक्ष इतना विचलित हो गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजुजू, मंत्री भूपेंद्र यादव आदि बार -बार उठकर हस्तक्षेप कर रहे थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तो स्पीकर से संरक्षण तक मांग रहे थे। कहा की नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा में भारत को अहिंसा का देश बताते हुए कहा कि यह डर का देश नहीं है। अपने हाथों में भगवान शिव की तस्वीर लेकर इन्होंने कहा कि भगवान शिव कहते हैं डरों मत, डराओ मत।
सबसे अहम बात राहुल गांधी ने सदन में रखा की भाजपा ही पूरा हिन्दू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिन्दू समाज नहीं है। नरेंद्र मोदी पूरा हिन्दू समाज नहीं है। यानी ये लोग हिन्दू धर्म के ठेकेदार नहीं है। राहुल गाँधी ने बड़ा भी व्यवहारिक कड़वा सच लोकसभा में रखने का काम किया।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली , जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह ,दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, उज्ज्वल कुमार, आयुष सेठ, राम प्रमोद सिंह, उदय शंकर पालित, बलिराम शर्मा, बाल्मीकि प्रसाद आदि ने कहा की नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण की भव्यता, लोकप्रियता, प्रासंगिक होने की चर्चा देश के आम आवाम 140 करोड़ जनमानस में है।