पटना में विपक्षी दलों की बैठक में जीतन राम मांझी को बुलावा नहीं, अब जेडीयू ने कही बड़ी बात
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को 15 विपक्षी दलों के बीच बैठक होने जा रही है लेकिन महागठबंधन के साथी दल में से एक हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को इस मीटिंग में निमंत्रण नहीं मिला है. खुद जीतन राम मांझी ने स्वीकार किया कि अभी तक उन्हें इस बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं मिला है. ऐसे में विपक्षी दलों की बैठक में हम संरक्षक जीतन राम मांझी को नहीं बुलाए जाने पर बिहार का सियासी पारा गरमा गया है. हालांकि इस पूरे मसले पर अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सफाई दी है।
विपक्षी दलों की बैठक में जीतन राम मांझी को नहीं बुलाए जाने पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी सरकार में शामिल हैं, वे नेतृत्वकर्ता हैं. इतने बड़े संग्राम के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करना सबकी जिम्मेदारी है. वे अपने विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात किए हैं लिहाजा इसमें कोई भी विवाद नहीं है।
इसके साथ ही जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने जीतन राम मांझी द्वारा शिक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करने को वाजिब करार दिया और कहा कि मांझी जी की चिंता उच्च शिक्षा में गिरावट और छात्रवृत्ति योजना को केन्द्र सरकार की तरफ से बंद करने को लेकर है लिहाजा मांझी जी के इस बयान को सियासत से जोड़ना ठीक नहीं है. दरअसल गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा था कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था खराब है।
बता दें कि गुरुवार को विपक्षी एकता की बैठक में HAM को निमंत्रण नहीं मिलने पर जीतन राम मांझी ने कहा कि विपक्षी एकता को लेकर होने वाली बैठक में उन्हें अभी तक निमंत्रण नहीं आया है. जेडीयू और आरजेडी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 15 दलों का नाम गिनाया गया था, लेकिन मांझी की पार्टी का नाम नहीं होने से कई सवाल छोड़ गया. हालांकि मांझी ने कहा था कि हम नीतीश कुमार के साथ हैं. हमको एक भी सीट न मिलेगी तो भी हम नीतीश के साथ हैं. हम चाहते हैं कि विपक्षी एकता मजबूत हो. नीतीश कुमार बैठक में हैं तो समझिए हम भी हैं।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.