बिहार के सियासी गलियारे से बहुत बड़ी खबर सामने आई है. ‘हम’ (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. वित्त मंत्री विजय चौधरी से से मुलाकात के बाद संतोष मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि संतोष मांझी ने विजय चौधरी को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हम लोग सत्ता के भूखे नहीं हैं. सम्मान से समझौता नहीं कर सकते हैं।
संतोष मांझी नीतीश कैबिनेट में एससी-एसटी कल्याण विभाग के मंत्री थे. उन्होंने अपना इस्तीफा संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी को सौंप दिया है. आज सुबह ही जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष सुमन के साथ नीतीश कुमार के बेहद करीबी मंत्री विजय चौधरी से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे. जहां से वापस लौटने के बाद मांझी ने कहा था वह अपनी परेशानी बताने गए थे. इससे पहले बीते सोमवार को मांझी ने यह कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ से अपने कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए वह सब कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।
वहीं जीतन राम मांझी के बेटे के इस्तीफे के बाद नीतीश कैबिनेट की मीटिंग टल गई है. नीतीश कुमार के आवास पर मंत्री विजय चौधरी पहुंचे हैं औऱ यहां पर संतोष सुमन के इस्तीफ़े को मीटिंग हो रही है. बता दें कि मंगलवार साढ़े 11 बजे यह कैबिनेट बैठक होनी थी, जो इस्तीफे की वजह से टल गई है. 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक होने जा रही है. इससे पहले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से नीतीश सरकार में मंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने इस्तीफा दे दिया है. इससे विपक्षी एकता को करारा झटका लगा है।
वहीं इस्तीफे को लेकर संतोष सुमन ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं हुई है. जदयू चाहती थी कि हम अपनी पार्टी को उनके साथ मर्ज कर दें. लेकिन हमें वो मंजूर नहीं था. हम अकेले संघर्ष करें. हमें जदयू में मर्ज नहीं हना है. नीतीश कुमार लगातार हमसे मर्ज करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने मर्ज करने से इनकार कर दिया. संतोष सुमन ने कहा कि हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं ये अलग बात है. हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं।
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