हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी हम के जीतनराम मांझी इन दिनों चर्चा में है। उनके बयान से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वे महागठबंधन में थे तो उन्हें सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी का विलय करने के लिए कहा था। जब उन्होंने इससे इंकार किया तो उन्हें महागठबंधन से बाहर कर दिया गया और कहा गया कि वो पार्टी कैसे चलाएंगे इसके लिए पैसे और लोगों की जरूरत होती है।
जीतनराम मांझी ने कहा कि अब उनकी पार्टी दौड़ रही है उनके बेटे के अलावा वे भी केंद्र सरकार में मंत्री है। मांझी के इस तंज पर जेडीयू के तेवर नरम दिखे। लेकिन आरजेडी को हमलावर होने का मौका दे दिया। जेडीयू ने मांझी का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। वहीं बीजेपी ने कहा कि कोई भी पार्टी बनती है वो चलती भी है।
मांझी एनडीए में ही रहेंगे
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम पटेल ने कहा कि कोई भी पार्टी बनती है वो चलती ही है। जीतनराम मांझी केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री है जबकि उनके बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं। बिहार में पार्टी को एनडीए में साथ रहने का फायदा उनको और उनके बेटे को भी मिला है। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि मांझी एनडीए में ही रहेंगे। इससे उनकी पार्टी और गठबंधन मजबूत होगा।
एनडीए में ऑल इज वेल नहीं
आरजेडी ने मांझी के बयान को लेकर बीजेपी और जेडीयू पर निशाना साधा है। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए गठबंधन में दलोें ने सिर्फ हाथ और गला मिलाया है लेकिन दिल अभी भी नहीं मिला है। एनडीए में ऑल इज वेल नहीं है। सभी दल एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं। जल्द ही एनडीए की पार्टियों में भगदड़ मचेगी। इसके बाद मांझी के विधानसभा चुनाव में 25 सीटें मांगे जाने का उन्होंने समर्थन किया है।
तोड़ मरोड़कर पेश किया बयान
जेडीयू ने भी मांझी के बयान को लेकर बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मांझी ने स्वयं को सीएम बनाए जाने पर सीएम नीतीश कुमार का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि एनडीए का शीर्ष नेतृत्व ही 2025 विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का फैसला करेगा।