सेना तथा अन्य अर्धसैनिक बलों के अभियान में मणिपुर राज्य के अलग-अलग स्थानों से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद किये गये हैं। मणिपुर में दो समुदायों के बीच में शुरू हुआ संघर्ष अब धीरे-धीरे उग्रवाद का रूप ले चुका है। सीमा पार से इन उग्रवादियों को हथियार और विस्फोटकों की आपूर्ति की जा रही है। यही वजह है कि प्रत्येक दिन भारी मात्रा में हथियार तथा अन्य विस्फोटक बरामद होने के बावजूद बरामदगी का सिलसिला थम नहीं रहा है। उग्रवादी आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को लगातार निशाना बना रहे हैं। पूरे राज्य में सुरक्षा बलों का यह अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को ड्रोन से नागरिकों और सुरक्षा बलों पर किए गए हमले को उग्रवादी गतिविधि करार दिया था। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-म्यांमार सीमा को सील किए जाने से रोकने के लिए उग्रवादी विभिन्न प्रकार से कोशिश कर रहे हैं। सीमा पार से आतंकवादियों को हथियार और विस्फोटक आपूर्ति किए जाने की पुष्टि मिजोरम तथा मणिपुर में इसी दौरान कई बार हो चुकी है।
मणिपुर पुलिस ने आज बताया कि इसी सिलसिले में राज्य के पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कांगपोकपी जिले के मार्क हिल से एक एक-47 राइफल और मैगज़ीन, एक एचके-33 राइफल और मैगज़ीन, एक ट्रिपल बैरल राइफल, एक .22 राइफल, एक बोल्ट एक्शन राइफल, एक 12 इंच सिंगल बोर बैरल राइफल, एक एचई-36 हैंड ग्रेनेड, एक मोटोरोला रेडियो सेट, 10 ज़िंदा गोला बारूद, 75 फायर किए गए केस, एक टूटी हुई इंसास राइफल मैगज़ीन, एक माचेटे, तीन बुलेटप्रूफ जैकेट, दो काले कपड़े, चार कंबल, एक जंगल बूट, दो बैकपैक बैग, एक ब्लैक रेन कैप तथा एक कॉम्बैट कोट बरामद किये गए। एक अन्य तलाशी अभियान के दौरान कांगपोकपी जिले के हराओथेल से दो 2 इंच मोर्टार एचई बम बरामद किये गये। राज्यभर में सुरक्षा बलों का यह अभियान अभी भी चल रहा है।