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वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी ने आमंत्रित किए सुझाव

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वक्फ ( संशोधन) बिल 2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को जेपीसी की दूसरी बैठक के लिए सुझाव मांगे गए।जेपीसी ने बिल पर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कई मुस्लिम संगठनों को आमंत्रित किया है। ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा- मुंबई, इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स -नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि शुक्रवार को जेपीसी की बैठक में बिल को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे।

इससे पहले जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी,जो काफी हंगामेदार रही थी। बैठक में भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच बिल के उद्देश्य और इसके प्रावधानों को लेकर तीखी बहस हुई थी। उसी बैठक में विपक्षी सांसदों की तरफ से यह सुझाव भी दिया गया था कि बिल से जुड़े सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार विमर्श के लिए अखबारों में विज्ञापन देकर सुझाव आमंत्रित करना चाहिए।

सांसदों की इस मांग को स्वीकार करते हुए जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर सुझाव आमंत्रित किए है। लोक सभा सचिवालय की तरफ से विज्ञापन जारी कर यह बताया गया है कि, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर कोई भी व्यक्ति या संस्था डाक, फैक्स और ईमेल के माध्यम से अपने सुझाव जेपीसी को भेज सकती है।

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार,लोकसभा में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को जांच और रिपोर्ट के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है। प्रस्तावित विधेयक के व्यापक निहितार्थों को ध्यान में रखते हुए, जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में गठित समिति ने आम जनता और विशेष रूप से गैर सरकारी संगठनों/विशेषज्ञों/हितधारकों और संस्थानों से विचार/सुझाव वाले ज्ञापन आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।

इसमें आगे कहा गया है कि, समिति को लिखित ज्ञापन या सुझाव देने के इच्छुक लोग अंग्रेजी या हिंदी में दो प्रतियां संयुक्त सचिव (जेएम), लोकसभा सचिवालय, कमरा नंबर 440, पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, नई दिल्ली-110001, पर भेज सकते हैं।

फैक्स के लिए नंबर -23017709 भी जारी किया गया है। सुझाव देने के लिए समिति की तरफ से मेल आईडी भी जारी किया गया है।

इस विज्ञापन के प्रकाशन की तारीख से 15 दिनों के भीतर सुझाव भेजे जा सकते हैं। ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ की कॉपी लोकसभा की वेबसाइट पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में अपलोड है। समिति को सौंपे गए ज्ञापन या सुझाव समिति के रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे और उन्हें ‘गोपनीय’ माना जाएगा। ये समिति के विशेषाधिकारों से भी जुड़े माने जाएंगे।

यह भी कहा गया है कि जो लोग ज्ञापन प्रस्तुत करने के अलावा समिति के समक्ष उपस्थित होकर,अपनी बात रखना चाहते हैं वे इस बारे में विशेष तौर पर अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में फैसला करने का अंतिम अधिकार समिति का ही होगा।


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Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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