अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राम जन्मभूमि मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दी.
इन न्यायाधीशों में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. गौरतलब है पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 2019 में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था.
50 से अधिक ज्यूरिस्ट को भी मिला निमंत्रण
इनके अलावा कार्यक्रम में पूर्व चीफ जस्टिस, जजों और देश के टॉप वकीलों सहित 50 से अधिक ज्यूरिस्ट को भी बुलाया गया है. आमंत्रित लोगों में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी शामिल हैं. गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भव्य राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह की तैयारी चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.
सामने आई रामलला की मूर्ति का पहली तस्वीर
इस बीच अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर स्थापित रामलला की मूर्ति का पहली तस्वीर गुरुवार को सामने आया. वहीं, ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान भी जारी है. यह अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हुआ था और 21 जनवरी तक चलेगा.
समारोह में शामिल होंगे 7 हजार से अधिक लोग
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक समारोह में 7,000 से ज्यादा लोग शामिल होंगे. इनमें राजनेता, फिल्म, खेल उद्योगजगत और संत शामिल हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या के राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर से भगवान राम को समर्पित टिकटों वाली एक पुस्तक भी जारी की थी.