ममता सरकार के रवैये से नाराज जूनियर डॉक्टर, हड़ताल जारी रखने की घोषणा

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कोलकाता के आरजी कर घटना के मद्देनजर बंगाल सरकार द्वारा कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल व डीसी नार्थ समेत दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को पद से हटाए जाने के बावजूद राज्य में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को 40वें दिन जारी रही। स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना प्रदर्शन नौंवे दिन भी जारी रहा।

इस बीच जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा, स्वास्थ्य सचिव को हटाने सहित कुछ अनसुलझे मुद्दों पर बातचीत के लिए मुख्य सचिव मनोज पंत को दिन में ईमेल भेजकर मुख्यमंत्री के साथ एक और बैठक की मांग की। इसके बाद मुख्य सचिव के बुलावे पर जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच राज्य सचिवालय नवान्न में शाम में फिर मैराथन बैठक हुई।

जूनियर डॉक्टरों ने हताशा व्यक्त की

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य सरकार ने अधिकतर मांगों पर मौखिक सहमति जताई, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ हुई पिछली बैठक की तरह लिखित आश्वासन (मिनिट्स) नहीं दिया। इसको लेकर जूनियर डॉक्टरों ने हताशा व्यक्त की है।

राज्य सरकार ने अधिकतर मांगों पर जताई सहमति

बैठक के बाद रात करीब 12:30 बजे राज्य सचिवालय से बाहर निकले जूनियर डॉक्टरों ने पत्रकारों से बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा हम इस बैठक में सरकार के रवैए से हताश हैं। मुख्य सचिव ने हमारी अधिकारतर मांगों पर मौखिक सहमति जताई लेकिन बैठक के मिनट्स में इसे शामिल नहीं किया। न ही हमें मिनट्स दिया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि हम मेल के माध्यम से बैठक के नतीजों की जानकारी जल्द देंगे।

फिलहाल डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहेगा

जूनियर डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि फिलहाल उनका आंदोलन जारी रहेगा। गुरुवार को मुख्य सचिव की तरफ से बैठक के नतीजों की सूचना मिलने के बाद हम अपनी हड़ताल को लेकर आगे का निर्णय लेंगे। बैठक शाम करीब 7.30 बजे शुरू हुई और रात 9.40 बजे खत्म हुई। इसके बाद बैठक का मिनिट्स (विवरण) तैयार करने की प्रक्रिया रात 12 बजे के बाद तक चली।

तब तक सभी वरिष्ठ अधिकारी और जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल पांच घंटे से अधिक समय से राज्य सचिवालय सभागार के अंदर ही थे। बैठक में जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। बैठक के दौरान राज्य सरकार ने राज्य में बाढ़ के हालात के मद्देनजर जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की फिर अपील की।

बता दें कि इससे पहले चार विफल प्रयासों के बाद मुख्यमंत्री व जूनियर डॉक्टरों के बीच सोमवार शाम कालीघाट में ममता के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। बैठक में ममता ने जूनियर डॉक्टरों की अधिकतर मांगों को मानते हुए कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल व डीसी नार्थ समेत स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को पद से हटाने की घोषणा की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को इन अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया।

बैठक में नहीं आईं ममता बनर्जी

बैठक में इस बार मुख्यमंत्री ममता नहीं थीं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेष कार्य बल के सदस्यों के साथ दो घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को हटाने सहित सरकारी मेडिकल कालेज अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने और डराने-धमकाने की परंपरा को खत्म करने संबंधी कई और मांगें रखीं।

ये मुद्दे आंदोलन खत्म करने की उनकी पूर्व शर्त के रूप में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने एक को छोड़कर डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली है। सिर्फ स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ विभागीय जांच की मांग मानने से इनकार कर दिया।

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