Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

बिहार के सात जिलों में जूट की खेती को मिलेगा बढ़ावा, 80% तक मिलेगा अनुदान

ByRajkumar Raju

जून 29, 2023
lpg cylinder 3 1622604211

 बारिश की कमी से ज्यादातर किसानों की खेत खाली हैं। अब भी राज्य के दक्षिणी जिलों में बिचड़ा नहीं डाला गया है। बिचड़ा डालने में देरी के चलते धान का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में सरकार ने खरीफ मौसम में मोटे अनाज और जूट की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। मोटे अनाज और जूट के बीज पर 80 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। जूट विकास के लिए उन्नत बीज वितरण के साथ ही पक्का सड़न टैंक बनाने में मदद की जाएगी।

जूट विकास के लिए कोसी और सीमांचल के सात जिले के किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा को चिह्नित किया गया है। वर्तमान में राज्य में तकनीक की कमी और पुरानी किस्म के बीज के चलते जूट का उत्पादन कम हो रहा है। नई तकनीक से जूट उत्पादन भी बढ़ेगा। इसके अलावा जूट सड़न पक्का टैंक के लिए दो लाख रुपये प्रति यूनिट या लागत का 50 फीसदी, दोनों में जो कम होगा, अनुदान मिलेगा।

जलवायु परिवर्तन को देखते हुए मोटे अनाज की खेती अधिक उपयुक्त है। इसलिए मोटे अनाज की विभिन्न फसलों को उनकी उपयुक्तता के अनुसार किसानों के बीच प्रचार-प्रसार किया जाएगा। राज्य सरकार ने चतुर्थ कृषि रोडमैप में भी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की योजना शामिल की है। मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष मनाए जाने के चलते भी राज्य सरकार का ध्यान इस ओर है। राज्य सरकार ने मोटे अनाज और जूट को बढ़ावा देने के लिए 16 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

मोटे अनाज के लिए जिले चयनित

● ज्वार और बाजरा-पटना, नालंदा, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, बक्सर, जहानाबाद, अरवल, नवादा, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, बांका में होगी।

● रागी, कंगनी, चीना, सांवा और कोदो- मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, बेगूसराय, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, खगड़िया, किशनगंज, कटिहार में होगी।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *