काली पूजा (Kali Puja) का यह त्योहार (festival) हिन्दू धर्म में काली माता के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन माँ भगवती से अंश काली माता की पूजा की जाती है। इस वर्ष काली पूजा 2023 का त्यौहार 12 नवंबर 2023 के दिन मनाया जाएगा। काली पूजा का त्यौहार हिन्दू धर्म (Hindu religion) की सुप्रसिद्ध देवी माँ दुर्गा के रूप काली माता को समर्पित किया गया है।
काली पूजा तिथि – 12 नवंबर 2023
काली पूजा निशिता समय – 11:39 अपराह्न 12:32 पूर्वाह्न, 13 नवंबर 2023
अवधि – 00 घंटे 53 मिनट
अमावस्या तिथि आरंभ – 12 नवंबर 2023, 02:24 अपराह्न
अमावस्या तिथि समाप्त – 13 नवंबर 2023, अपराह्न 02:56 बजे
काली पूजा का महत्व!
जब भयानक काली युद्ध के मैदान में राक्षसों (demons) का संहार कर रही थी और बेकाबू हो रही थी, तब भगवान शिव (Lord Shiva) स्वयं एक शिशु के रूप में उनके सामने प्रकट हुए।
कालीशिला माँ काली का प्रकाट्य स्थल है जो कालीमठ माँ के अंतर्ध्यान स्थल के रूप में विख्यात है। काली मठ (Kali Math) हिंदू धर्म की सबसे प्रसिद्ध महिला देवी में से एक है। वह हमेशा जीत का प्रतीक है और भले ही उसे उग्र रूप में दर्शाया गया है, वह बहुत दयालु और परोपकारी है। जब भयानक काली युद्ध के मैदान में राक्षसों (demons) का संहार कर रही थी और बेकाबू हो रही थी, तब भगवान शिव (Lord Shiva) स्वयं एक शिशु के रूप में उनके सामने प्रकट हुए। माँ काली की मातृ प्रवृत्ति तुरंत सामने आ गई और उन्होंने छोटे बच्चे को सांत्वना देने के लिए उसे उठा लिया। इस प्रकार, देवी का यह रूप तब परोपकारी और दयालु माना जाता है जब वह एक सुरक्षात्मक माँ के रूप में कार्य करती है।
पूजा सामग्री व पूजन विधि!
पूजन विधि- काली माता की पूजा करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ़ – सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए। अब पूजा वाले स्थान पर काली माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर को स्थापित करें और उनके सामने घी का एक दीपक जलाएं।
सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में कई सारे देवता और देवियाँ है। जिनकी पूजा उचित मुहूर्त (appropriate time) के अनुसार की जाती है। आज हम जिस देवी की पूजा के बारे में बात करेंगे। उनसे और उनके क्रोध के सभी लोग भली – भांति परिचित है। आज हम काली पूजा (Kali Puja) 2023 के बारे में बात करेंगे। हम आपको माता काली की सामान्य पूजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में बतायेंगे। काली माता के पूजन में काम आने वाली सामग्री निम्न है – पहला काली माता की तस्वीर, लाल फुल, बताशा, हलवा, पुड़ी,अगरबत्ती या धूपबत्ती, सिंदूर, नारियल, लौंग, सुपारी, दीपक, चावल, गंगाजल, अक्षत, फल और मीठा पान इत्यादि।
पूजन विधि– काली माता की पूजा करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ़ – सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए। अब पूजा वाले स्थान पर काली माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर को स्थापित करें और उनके सामने घी का एक दीपक जलाएं। काली माता को गुडहल का फुल काफी अधिक पसंद है। इसलिए पूजा के समय काली माता को गुडहल का फुल अवश्य चढ़ाना चाहिए। तथा “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” इस मंत्र का 108 बार जप करें। इससे आपको काली माता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।