काली पूजा : भागलपुर में 31 की रात विराजमान होंगी मां काली
काली पूजा भागलपुर। मां काली की प्रतिमा 31 अक्टूबर की रात में बेदी पर विराजमान होगी। विभिन्न स्थानों पर पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। सराय स्थित रेकाबगंज में मां काली की प्रतिमा 31 अक्टूबर को बेदी पर विराजमान होगी। नवयुगी काली पूजा समिति के सह सचिव राजा साह ने बताया कि बेदी पर विराजमान होने के बाद विधिवत रूप से मां का निशा पूजा व प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
अध्यक्ष प्रकाश सिंह कुशवाहा, उपाध्यक्ष मनोज सिंह, मेढ़पति प्रकाश रजक आदि के नेतृत्व में पूजा की तैयारी चल रही है। वहीं इशाकचक की बुढ़िया काली आस्था का मुख्य केंद्र है। यहां 150 वर्ष से अधिक वर्षों से मां काली की पूजा हो रही है। मां यहां खुले आसमान के नीचे विराजती हैं। मंदिर के पंडित विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 31 अक्टूबर की रात में मां काली की प्रतिमा पिंडी पर स्थापित होगी। उर्दू बाजार स्थित मशानी काली मंदिर में भी पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है। प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। यहां तांत्रिक एवं वैदिक रीति रिवाज से मां काली की पूजा होगी। इस बार पुरोहित अशोक ठाकुर एवं पुजारी पवन गोस्वामी पूजा कराएंगे।
भीखनपुर में सबसे ऊंची है मां काली
भीखनपुर के जीसी बनर्जी रोड स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना काली मंदिर अब नए स्वरूप गुंबद आकार में दिखेगा। महाराष्ट्र, नादेड़ के राहुल पवार के नेतृत्व में 15 कारीगर मिलकर मंदिर के शिखर का निर्माण कर रहे हैं। मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि काली पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
हड़बड़िया काली मां को चांदी के बर्तन में लगेगा 56 भोग
मंदरोजा स्थित हड़बड़िया काली मंदिर में 1880 ई. से पूजा-अर्चना हो रही है। पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। 31 को देर मां काली की प्रतिमा पिंडी पर स्थापित की जाएगी। इसी रात माता को चांदी के बर्तन में 56 भोग लगाया जाएगा। एक नवंबर को खीर और हलवा पूड़ी एवं चूड़ा दही का भोग लगाया जायेगा। दो नवंबर को खिचड़ी का भोग लगेगा।
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