भागलपुर की काली पूजा है विश्व प्रसिद्ध ;यहां कई नामों से जानी जाती हैं मां काली
भागलपुर। भागलपुर में मां काली एक नहीं बल्कि कई नामों से जानी जाती हैं। परबत्ती, इशाकचक, मोमिन टोला, हबीबपुर में मां काली बुढ़िया काली के नाम से जानी जाती हैं। रिकाबगंज में नवयुगी काली तो उर्दू बाजार व बूढ़ानाथ में मां काली को मसानी काली के नाम से पुकारा जाता है। इसके अलावा मां को बरमसिया काली, रति काली, जुबली काली, बमकाली आदि नामों से भी जाना जाता है।
काली पूजा महासमिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि भागलपुर में मां काली की आराधना 250 वर्षों से अधिक समय से हो रही है। शहरी क्षेत्र व नाथनगर में 150 से अधिक मां काली की प्रतिमाएं बन रही हैं। काली पूजा के दौरान बूढ़ानाथ में आस्था का सैलाब उमड़ता है। यहां दूरदराज से लोग प्रतिमा देखने आते हैं। इसका एक कारण, आसपास कई प्रतिमाएं स्थापित होती हैं। यहां एक किलोमीटर के अंदर बमकाली, ओमकार काली, मसानी काली, उपकार काली, बरमसिया काली, रति काली, जुबली काली, अम्बेडकर काली, लाजपत पार्क काली, मानिक सरकार स्थित हड़बड़िया काली, चुनिहारी टोला, आदमपुर चौक स्थित मां काली की प्रतिमा स्थापित होती है। इसके साथ बूढ़ानाथ मंदिर के समीप मां काली का विसर्जन कई बार नाव से किया गया है। मंदरोजा स्थित हड़बड़िया काली की स्थापना हड़बड़ी में हुआ था। स्थानीय बालकृष्ण मोयल ने बताया कि यहां 1890 से मां काली की पूजा हो रही है। जल्दबाजी में यहां मां की प्रतिमा निर्माण होने के कारण ही इसका नाम हड़बड़िया काली पड़ा। उस समय मूसलाधार बारिश के कारण मिट्टी से निर्मित प्रतिमा खराब हो गयी थी। फिर इसे हड़बड़ी में बनाया गया था। इस कारण इसका नाम हड़बड़िया काली पड़ा। उधर उर्दू बाजार स्थित मसानी काली की पूजा सौ साल से अधिक समय से हो रही है। बताया गया कि यहां पर काली की प्रतिमा की स्थापना श्मशान की मिट्टी से हुई थी। इसलिए मसानी काली के नाम से मां को जाना जाता है। महासमिति के उपाध्यक्ष जयनंदन आचार्य ने बताया कि मां काली प्रतिमा की शोभायात्रा पहली बार 1954 में निकाली गयी थी। उस समय विसर्जन शोभायात्रा में 19 प्रतिमाएं शामिल हुई थीं। इसके बाद 1955 में 30 प्रतिमाएं शामिल हुईं। अब शोभायात्रा में 76 से 80 प्रतिमाएं शामिल हो रही हैं।
समय रहते मंदिर की रंगाई पूरी कर ली जाए
मुर्तजाचक मिरजानहाट में काली पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। सोमवार को पूजा व्यवस्था की तैयारी पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे अशोक ठाकुर ने कहा कि समय रहते मंदिर की रंगाई पूरी कर ली जाए। दक्षिणी क्षेत्र का यह मंदिर लोगों की मनोकामना पूरी करता है। बैठक में सत्येंद्र ठाकुर, रजत कश्यप, अभिषेक चौधरी, आदर्श आनंद, मुकेश कुमार ठाकुर, रिशु झा के अलावा अन्य मौजूद थे।
बम काली पूजा समिति ने शुरू कर दी तैयारी
बम काली पूजा समिति की ओर से काली पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। मेढ़पति ठाकुर मोहित सिंह ने बताया कि इस बार बम काली मंदिर की 125वीं वर्षगांठ है। इस बार भव्य तरीके से पूजा की जायेगी। विसर्जन में सबसे आगे परबत्ती काली व सबसे पीछे बम काली की प्रतिमा होती है। दोनों प्रतिमाओं की लंबाई एक सामान होती है और एक ही मूर्तिकार के द्वारा बनाई जाती है।
काली पूजा महासमिति की बैठक आयोजित
भागलपुर। केंद्रीय काली पूजा महासमिति की बैठक पटल बाबू रोड में सोमवार को हुई। अध्यक्षता अध्यक्ष ब्रजेश साह ने की। प्रवक्ता गिरीश चंद्र भगत ने बताया कि विगत वर्ष का लेखा जोखा व पूर्व के कार्यक्रम की समीक्षा की गयी। मौके पर सुरेश प्रसाद यादव, आनंद कुमार मिश्रा, ललन कुमार, विनय कुमार, श्याम प्रसाद मंडल, भगवान यादव आदि मौजूद थे।
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