कमलनाथ और दिग्विजय हैं हार के सबसे बड़े कारण, बोले नीतीश के मंत्री …. कांग्रेस को ले डूबी खुद को बड़ा भाई बताने की आदत

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राजस्थान में तो हमेशा से ही सरकार बदलती रही है। इसलिए वहां से रिजल्ट से अधिक चिंता नहीं करना है। लेकिनम छत्तीसगढ़ का सवाल है तो वहां अनुमान के अनुसार यह रिजल्ट नहीं था। वहां यह उम्मीद थी की किसी भी तरह कांग्रेस वहां वापसी करेगी। रही बात मध्य प्रदेश की तो कहीं न कहीं शिवराज की सरकार ने अच्छा काम किया है। यही वजह है की लोग उनके साथ रहे।

मध्य प्रदेश में जो हार हुई है उसको लेकर मुझे लगता है कि कमलनाथ, दिज्विजय सिंह जैसे लोगों की तिकड़ी थी उसी वजह से चुनाव में कांग्रेस को हार मिली है। इनलोगों का इतना उम्मीद बना लिया था जिससे लोगों के बीच आना – जाना प्रचार – प्रसार काम करना बेहद नुकसानदेह रहा। इन्होंने सभी को साथ लेकर नहीं चला। इस वजह से भी वहां हमारी हार हुई। उम्मीदवार का सही ढंग से चयन नहीं हुआ। जिसके कारण वहां निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में आए।

इसके साथ ही उन्होंने इंडिया गठबंधन में शामिल सबसे बड़ी दल कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि – कांग्रेस को अपने इस पुरे गठबंधन को साथ लेकर चलना चाहिए था। इससे तस्वीर जरूर कुछ बदली हुई नजर आती। लेकिन, इन्होंने देखा कि वो खुद बड़े भाई है तो उनको लगा की हम यहां खुद हैं तो दूसरी जगह या दूसरे लोगों की क्या जरूरत है।

बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि – तीन राज्यों में जो कांग्रेस की हार हुई है वो उनकी खुद की वजह से हुई है। कांग्रेस अपने एरोगेन्स में और ओवर कॉन्फिडेंस में चला गया। अगर कांग्रेस इंडिया गठबंधन को एक करके ये चुनाव लड़ता जिसमें नीतीश कुमार, ममता बनर्जी वगैरह मिलकर प्रचार करते तो स्थितियां बदली होतीं। लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में बड़े भाई की भूमिका में रहने की सोच को लेकर इन्हें साथ नहीं दिया। कांग्रेस ने सोचा होगा कि अपने बलबूते पर जीतकर हम आगे मजबूती से समझौते के लिए आएंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।

उधर, अशोक चौधरी ने पीएम के फेस के रूप में नीतीश कुमार का चेहरा आगे करने को लेकर कहा कि,नीतीश कुमार या किसका चेहरा आगे करना चाहिए ये अधिक जरूरी नहीं है। जरूरी ये है कि इंडिया गठबंधन एकजुट होकर कैसे आगे चले। अगर गठबंधन में 75 बड़े भाई होने लगे तो फिर क्या होगा। ऐसे पार्टी नहीं चलती। नीतीश कुमार के पास हर वो गुण है जो देश के एक प्रधानमंत्री के पास होना चाहिए। अब आगे गठबंधन को तय करना है। वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम का चेहरा कौन होगा, इस सवाल को अशोक चौधरी किनारे करते दिखे।

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