देश भर में आज मनाया जाएगा करवाचौथ,जानिए क्यों रखा जाता है यह व्रत, कब निकलेगा चांद ?

14 08 2023 karwa chauth 2023 date 23501546

करवाचौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत इस बार 01 नवंबर को सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग में मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं व्रत रखने के साथ-साथ विधिनुसार पूजा-अर्चना भी करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

करवा चौथ पर पति के लिए व्रत की परंपरा

पौराणिक मान्यता के अनुसार पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई। जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत किये जाने लगा। दूसरी कहानी पांडवों की पत्नी द्रोपदी की है। वनवास काल में अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि के पर्वत पर चले गए थे द्रोपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए भगवान् कृष्ण से मदद मांगी। उन्होंने द्रौपदी को वैसा ही उपवास रखने को कहा जैसा माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और कुछ ही समय के बाद अर्जुन वापस सुरक्षित लौट आए।

 

 

करवा चौथ पर चंद्रमा की होती है खास पूजा

करवाचौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक किया जाता है। इस पर्व में चन्द्रमा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास कर शाम को चन्द्रमा निकलने के बाद ही अपना उपवास खोलती हैं। इस दिन चतुर्थी माता और गणेशजी की भी पूजा की जाती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि सौभाग्य, पुत्र, धन-धान्य,पति की रक्षा और संकट टालने के लिए चंद्रमा की पूजा की जाती है। करवाचौथ के दिन चंद्रमा की पूजा का एक अन्य कारण यह भी है कि चंद्रमा औषधियों और मन के अधिपति देवता हैं। उसकी अमृत वर्षा करने वाली किरणें वनस्पतियों और मनुष्य के मन पर सर्वाधिक प्रभाव डालती हैं। दिन भर उपवास के बाद चतुर्थी के चंद्रमा को छलनी की ओट में से जब नारियां देखती हैं,तो उनके मन पर पति के प्रति अनन्य अनुराग का भाव उत्पन्न होता है,उनके मुख व शरीर पर एक विशेष कांति आ जाती है। इससे महिलाओं का यौवन अक्षय,स्वास्थ्य उत्तम और दांपत्य जीवन सुखद हो जाता है।

करवाचौथ तिथि 2023

इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत मंगलवार 31 अक्तूबर को रात 9 : 30 बजे से हो रही है। यह तिथि अगले दिन नवंबर को रात 9 : 19 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवाचौथ का व्रत बुधवार 01 नवंबर को रखा जाएगा।

 

करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का समय

पौराणिक मान्यता के अनुसार करवाचौथ का चन्द्रदर्शन मनवांछित फल प्रदान करता है। करवा चौथ की रात्रि 8 : 15 बजे चंद्रोदय होगा।

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