22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक परंपराओं के अनुसार होगा। समारोह, अनुष्ठान और स्थापना सनातन धर्म के अनुसार की जाएंगी। 84 सेकेंड के ब्रह्ममुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यजमान को 8 दिन के ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। ब्रह्मचर्य सनातन धर्म की एक परंपरा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान एक दंपति होंगे, जिनके नाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन राम मंदिर के सूत्रों के मुताबिक, यजमान दंपति को 8 दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। करीब 45 नियम हैं, जिन्हें फॉलो करके दंपति इस अनूठे धार्मिक अनुष्ठान को कराने योग्य बन पाएंगे। इन नियमों के अनुसार ही दंपति की 8 दिन का रूटीन रहेगा। 15 जनवरी से यह ब्रह्मचर्य जीवन शुरू होगा, जो 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद खत्म होगा।
आइए जानते हैं कि यजमान दपंति को 8 दिन कौन-से रूल फॉलो करने होंगे…
रोज नहाना होगा। फलाहार खाएंगे और रात को एक टाइम का खाना खाएंगे। बाहर का खाना और जंक फूड बिल्कुल नहीं खाना। बीड़ी या सिगरेट पीना पूर्ण वर्जित रहेगा। शराब आदि के नशे से दूर रहें। बोतल वाला पानी और बर्फ वर्जित है।
मौन व्रत रखना होगा। मानसिक शांति बनाए रखें। लड़ाई झगड़ा, क्रोध करना, कटु वचन कहना वर्जित है। पूर्ण सत्य बोलना होगा। अगर स्थिति ऐसी है कि सच बोलना नुकसानदायक होगा तो उस समय मौन धारण करना होगा।
रोज ब्राह्मणों की सेवा करनी होगी। पूजा पाठ के बाद उन्हें फलाहार कराने के बाद ही खाना खाएंगे। राम नाम का जाप और तप करना होगा। रात में आरती के बाद सात्विक खाना खाएं। सफेद नहीं, सेंधा नमक खाना होगा।
तेल से बनी चीजें, चावल, गुड़, नमकीन, अंडा, मांसाहार, प्याज, लहसुन, मूली, बैंगन, हल्दी, सरसो और उड़द की दाल खाने की मनाही है। भगवान का भोग लगाने के बाद ही दिनभर में फलाहार और खाना खा पाएंगे। जरूरी हो तो दवाई ले सकते हैं।
पुरुष को सिले हुए और सूती कपड़े पहनने की मनाही है। महिला लहंगा-चोली पहनेगी। सूती कपड़े भी पहन सकती है। ऊनी स्वेटर पहन सकेंगे। कंबल ओढ़कर ही सो पाएंगे।
दिन में सोना वर्जित है। रात को सोना लकड़ी की चौकी पर होगा। खाट पर बैठना और सोना मना है। दिनभर के काम होने से पहले बिस्तर पर बैठना वर्जित है। रोज दाढ़ी बनानी होगी। नाखून काटने होंगे।