केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने दी सैद्धांतिक सहमति, पीरपैंती में 1600 मेगावाट का नया बिजली घर बनेगा

20231007 094740

भागलपुर :- केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के भागलपुर वासियों को जबरदस्त तोहफा दिया है. बताया जाता है कि भागलपुर में 1600 मेगावाट का नया बिजली घर बनाया जाएगा. इस बात को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार की नीति सरकार को एक प्रस्ताव दिया है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार दोनों सरकार के बीच नए बिजली घर को लेकर सहमति बन गई है.

बिहार में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने लोगों को 24 घंटे बिजली देने को लेकर युद्ध स्तर पर काम किया था. ऐसे में अगर भागलपुर में नया बिजली घर बनता है तो बिहार के लोगों को और सहूलियत होगी और एक सेकंड के लिए भी बिजली नहीं काटा जाएगा.

केंद्र सरकार की ओर से पीरपैंती में बिजली घर बनाने का प्रस्ताव मिला है। नया बिजली घर बनाने की सहमति दे दी है। पीरपैंती बिजली घर बनने से भविष्य में भी जरुरत के अनुसार बिहार को बिजली मिलेगी और लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।- बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मंत्री, ऊर्जा, योजना एवं विकास विभाग।

राज्य सरकार ने भागलपुर के पीरपैंती में नया कोयला बिजली घर बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यह बिजली घर अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (उन्नत तकनीक पर आधारित) होगा। यहां 800 मेगावाट की दो यूनिट लगेगी जिससे 1600 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी।

दरअसल, लखीसराय के कजरा व भागलपुर के पीरपैंती में 660 मेगावाट की दो-दो यूनिट बिजली घर का निर्माण होना था। इसके लिए एक-एक हजार एकड़ से अधिक जमीन का भी अधिग्रहण कर लिया गया। लेकिन, तकनीकी कारणों से राज्य सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया। तब तय हुआ कि कजरा व पीरपैंती में सोलर बिजली घर बनाया जाए। कजरा में 150 मेगावाट सोलर बिजली निर्माण पर काम भी शुरू हो चुका है। लेकिन, पीरपैंती में हरा-भरा क्षेत्र अधिक होने के कारण मात्र 50 मेगावाट ही सोलर बिजली उत्पादित हो सकती है।

इसे देखते हुए ही राज्य सरकार ने तय किया कि पीरपैंती में थर्मल बिजली घर का निर्माण कराया जाए। बीते दिनों केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से बातचीत कर पीरपैंती में बिजली घर बनाने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव के अनुसार चूंकि पीरपैंती से सटे बंगाल में कई कोयला खदान हैं, इस कारण थर्मल पावर को चलाने में कम दूरी से आसानी से कोयला मिल जाएगी। साथ ही अत्याधुनिक तकनीक से अब 800 मेगावाट की दो इकाई बनने के कारण उत्पादित बिजली भी सस्ती रहेगी।

कोयला सचिव के प्रस्ताव पर ऊर्जा विभाग ने मंथन किया और तय किया कि इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाए। इसी क्रम में ईसीएल के निदेशक (तकनीकी परिचालन) नीलाद्री राय और निदेशक (वित्त) अंजर आलम और सीसीएल के नोडल अधिकारी शंकर झा ने ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव और बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस सहित अन्य अधिकारियों से मिलकर पीरपैंती में बिजली घर बनाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया।

Satyavrat Singh: I am satyavrat Singh news reporter of vob from Munger Bihar.