BPSC परीक्षा में धांधली के सबूत लेकर घूमते रह गए खान सर, पटना हाई कोर्ट ने सबकुछ कर दिया साफ

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70वीं बीपीएससी परीक्षा में धांधली के आरोपों को खारीज करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीपीएससी को जहां बड़ी राहत दी वहीं छात्र संगठनों को बड़ा झटका लगा है। फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले खान सर के दावे हवा हवाई साबित हो गए हैं। खान सर ने दावा किया था कि उनके पार परीक्षा में धांधली के पुख्ता सबूत हैं लेकिन हाईकोर्ट से सभी दावों को खारीज कर दिया।

दरअसल, 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर राजधानी पटना में कई दिनों तक अभ्यर्थियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों ने भारी बवाल मचाया था। अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे कई शिक्षकों को भी हाई कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है। छात्रों के समर्थन में मशहूर शिक्षक खान सर भी सड़क पर उतरे थे और परीक्षा को रद्द कराने के लिए पूरा जोर लगा दिया था।

हाई कोर्ट ने परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद बीपीएससी ने परीक्षा का परिणाम भी प्रकाशित कर दिया था लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे खान खार लगातार छात्रों को यह झांसा देते रहे कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि परीक्षा में धांधली की गई है। बीपीएससी अभ्यर्थी खान सर के झांसे में आकर पटना में आंदोलन करते रहे।

खान सर ने दावा किया था कि 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। उन्होंने दावा किया था कि उनके हाथ ऐसा सबूत लगा है कि पटना हाई कोर्ट को री एग्जाम का फैसला लेना ही पड़ेगा। खान सर ने दावा किया था कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा के लिए तीन सेट बनाए गए थे। एक सेट का इस्तेमाल करने के बाद बाकी सेट को ट्रेजरी में जमा करना था लेकिन नवादा और गया ट्रेजरी में प्रश्न पत्र जमा नहीं किए गए।

उन्होंने दावा किया था कि बापू परीक्षा केंद्र की जो परीक्षा 4 जनवरी को दोबारा ली गई उसके लिए नए सेट तैयार नहीं किए गए थे बल्कि नवादा और गया ट्रैजरी में जो प्रश्न पत्र जमा नहीं कराए गए थे उसी पुराने पेपर को छात्रों को दे दिया गया था। उन्होंने कहा था कि उनके पास ऐसा सबूत है, जिससे हाई कोर्ट में छात्रों की जीत तय है और कोर्ट को री-एग्जाम का आदेश देना ही पड़ेगा। खान सर सबूत लेकर घूमते रह गए। हाई कोर्ट ने परीक्षा को फिर से आयोजित कराने की सभी याचिकाओं को खारीज कर दिया और खान सर के सभी दावे हवा हवाई हो गए।

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