पटना (बिहार): बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया है। मामला रोहतास जिले के सासाराम में बीते साल दिसंबर में हुए गोलीकांड से जुड़ा है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे। आरोपी कोई और नहीं, बल्कि तत्कालीन ट्रैफिक DSP आदिल बिलाल हैं, जिन्होंने कथित रूप से अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायरिंग कर यह वारदात अंजाम दी थी।
कोर्ट की सख्ती, DGP को जिम्मेदारी
पटना हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने इस मामले में बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि “पुलिस के लिए कानून अलग नहीं है।” कोर्ट ने बिहार के DGP को आरोपी DSP की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है और साथ ही एक सप्ताह में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
क्या है मामला?
यह घटना 27 दिसंबर 2024 की है, जब रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के टाउन थाना क्षेत्र में कुछ युवक अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी मना रहे थे। उसी दौरान तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया का युवकों से विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि डीएसपी और उनके गार्ड ने सर्विस रिवॉल्वर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस फायरिंग में ओम प्रकाश नामक युवक की मौत हो गई, जबकि चार अन्य – सुधीर, अतुल, विकास और अनिकेत – गंभीर रूप से घायल हो गए। यह पूरी घटना सार्वजनिक स्थान पर हुई, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया।
FIR दर्ज, फिर भी गिरफ्तारी नहीं
घटना के दूसरे दिन टाउन थाना में मामला दर्ज हुआ, लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी DSP की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में बताया गया कि अनुसंधान में लापरवाही बरती जा रही है और पुलिस अधिकारी को बचाने की कोशिश हो रही है।
अब कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद अब डीएसपी आदिल बिलाल की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। हाईकोर्ट का यह रुख साफ संदेश देता है कि सरकारी पद पर बैठा व्यक्ति भी कानून से ऊपर नहीं है और सर्विस रिवॉल्वर का दुरुपयोग करने वालों को इसका परिणाम भुगतना ही होगा।