रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-ताईवान तनाव, इराक-ईरान युद्ध और नाइजर-दक्षिण अफ्रीकी देशों में उपजे तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश देकर खलबली मचा दी है। मगर सवाल ये है कि उत्तर कोरिया का पहला निशाना कौन है?… क्या वह दक्षिण कोरिया या अमेरिका पर हमला करेगा या फिर यूक्रेन के खिलाफ रूस को मदद पहुंचाएगा?…किम जोंग उन का मर्म अभी कोई नहीं जानता। मगर अपने देश के सैनिकों को अचानक युद्ध के लिए तैयार होने का निर्देश देने के बाद ही किम जोंग उन बैलिस्टिक मिसाइलों की फैक्ट्री पहुंच गए। वहां का औचक निरीक्षण करने के बाद उन्होंने परमाणु हथियारों का भी जायजा लिया। इससे दुनिया भर में खलबली मच गई है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग का आखिर इरादा क्या है। आखिर किम जोंग उन ने तोपखानों और परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए प्रक्षेपण यान बनाने वाली फैक्टरियों समेत देश के अहम हथियार उत्पादन केंद्रों का दौरा अचानक क्यों किया और अपनी सेना को आधुनिक हथियारों से लैस करने के प्रयास करने के साथ ही युद्ध से जुड़ी तैयारियां तेज करने का संकल्प क्यों दिलाया। क्या वह किसी देश पर हमला करने वाले हैं या फिर दुनिया में सिर्फ दहशत और डर का माहौल बनाना चाहते हैं। यह सवाल इसलिए भी है कि किम का यह तीन दिवसीय दौरा ऐसे वक्त में हुआ है, जब उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस महीने संयुक्त सैन्य अभ्यास के अगले चरण की शुरुआत के लिए तैयार हैं।
कोरियाई प्रायद्वीप में चरम पर है तनाव
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण और अमेरिका-दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यासों के कारण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव उच्च स्तर पर है। किम इन सैन्य अभ्यासों को आक्रमण का अभ्यास बताते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि किम का हथियार फैक्टरियों का दौरा रूस के साथ संभावित सैन्य सहयोग से जुड़ा हो सकता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सहयोग देने की अपील की है, जिसके तहत उत्तर कोरिया मॉस्को को हथियार और गोला-बारुद की आपूर्ति कर सकता है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के अनुसार, किम ने बड़े कैलिबर की तोपें बनाने वाली एक अज्ञात फैक्टरी का निरीक्षण करने के दौरान ‘‘उत्तर कोरिया की युद्ध संबंधी तैयारियों में फैक्टरी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों और कार्यों’’ पर जोर दिया।
किम जोंग ने नए गोले बनाने का भी दिया आदेश
केसीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, किम ने गोलों की गुणवत्ता में सुधार लाने, प्रणोदक ट्यूब के निर्माण की अवधि घटाने और विनिर्माण की गति बढ़ाने के लिए ‘‘वैज्ञानिक और तकनीकी कदम’’ उठाने के फैक्टरी के प्रयासों की सराहना की, लेकिन नये प्रकार के गोले बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इससे साफ है कि उत्तर कोरिया युद्ध की तैयारी कर रहा है। मगर उसका पहला निशाना कौन होगा, यह अभी भविष्य के गर्त में छिपा है। एक अन्य फैक्टरी में किम ने कहा कि सेना के लिए वाहनों की आपूर्ति बढ़ाना शीर्ष प्राथमिकता है और उन्होंने उत्पादन के लिए एक ‘‘ठोस नींव’’ तैयार करने के वास्ते कर्मियों की तारीफ की।
कहा-सैनिकों के लिए बनाएं उन्नत हथियार
किम ने हथियारों की एक छोटी फैक्टरी का भी दौरा किया और सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों को उन्नत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। अमेरिका और दक्षिण कोरिया से बढ़ते टकराव के मद्देनजर किम रूस तथा चीन से अपनी साझेदारी मजबूत करने पर कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही वह अपने आपको कूटनीतिक रूप से अलग-थलग किए जाने की कोशिशों को चुनौती दे रहे हैं और अमेरिका के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। किम जोंग के इन प्रयासों ने दुनिया भर में नए तरीके की आशंका को बढ़ावा दिया है।