उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के साथ लगने वाली समुद्री सीमा में 200 से अधिक गोले बरसाकर हड़कंप मचा दिया है। दक्षिण कोरिया ने आनन-फानन में समुद्री सीमा के आसपास बसे इलाकों को खाली करा लिया है। उत्तर कोरिया की ओर से अचानक की गई इस कार्रवाई पर जापान, अमेरिका समेत कई देशों की बारीक नजर बनी है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया ने दोनों देशों के बीच विवादित समुद्री सीमा पर तोप अभ्यास किया, जो 2018 के सैन्य समझौते का उल्लंघन है।
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को विवादित पश्चिमी समुद्री सीमा के उत्तर में समुद्र में 200 गोले दागे। दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के इस अभ्यास को उकसावे की कार्रवाई बताया हालांकि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ।
दक्षिण कोरियाई द्वीप येओनपयोंग में रहने वाले लोगों का कहना है कि दक्षिण कोरियाई सेना ने उन्हें जगह खाली करने के लिए कहा है क्योंकि वह शुक्रवार शाम या रात में इसी तरह के अभ्यास को शुरू करने की योजना बना रही है। वहीं उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने अधिकारियों को मिसाइलों के लिए मोबाइल लॉन्च वाहनों का उत्पादन बढ़ाने का आदेश दिया।
किम ने इस वजह से दिया गोले बरसाने का आदेश
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि किम ने दुश्मनों के साथ बढ़ते सैन्य टकराव के मद्देनजर यह आदेश दिया है और वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि दूसरे देशों के लिए उनके हमलों का पता लगाना मुश्किल हो। किम के आदेश की यह खबर व्हाइट हाउस के एक बयान के कुछ घंटों बाद आई है।
अमेरिका ने एक बयान में कहा था कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने पाया है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को बैलिस्टिक मिसाइल लांचर की आपूर्ति की। अमेरिका और उसके सहयोगी पहले भी उत्तर कोरिया पर अपने सैन्य कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए रूसी प्रौद्योगिकियों के बदले में रूस को तोपें और गोला-बारूद भेजने का आरोप लगा चुके हैं।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, किम ने एक फैक्टरी का दौरा किया, जो ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) को बनाने का काम करती है हालांकि यह नहीं बताया गया कि वह कब गए या फैक्टरी कहां है। टीईएल एक ऐसा वाहन है, जिसकी मदद से उत्तर कोरिया अपने क्षेत्र के चारों ओर मिसाइलों को ला या फिर ले जा सकता है। इस वाहन की मदद से उसके विरोधियों के लिए पहले से हमले का पता लगाना और भी अधिक कठिन हो जाता है। कुछ दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्तर कोरिया के पास इस तरह के लगभग 100-200 वाहन हैं।