बिहार सरकार के कड़क अधिकारी माने जाने वाले IAS केके पाठक अपने विभागीय मंत्री प्रोफेसर चंद्रेशखर को अभी भी तवज्जो नहीं देते हैं और उनके कार्यक्रम से दूरी बना कर रहतें हैं..इसका एक उदाहरण आज शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में दिखा. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो चन्द्रशेखर को आमंत्रित किया गया था और इस समारोह की अध्यक्षता विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को करना था।
इसको लेकर कार्यक्रम स्थल पर बैनर भी लगा था और मंच पर शिक्षामंत्री के बगल में उनका नेम प्लेट भी लगा हुआ था,पर हमेशा शिक्षकों और छात्रों को समय से स्कूल आने को लेकर सख्ती दिखाने वाले केके पाठक निर्धारित समय के बाद भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे और फिर क्या था आयोजक ने उनका नेम प्लेट मंच से हटा दिया और फिर कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
केके पाठक की अऩुपस्थिति में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रेशखर ने अन्य अधिकारियों के सहयोग से कार्यक्रम का उद्घाटन किया और फिर बिहार में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया.इस बार राज्य के 20 शिक्षकों को राजकीय सम्मान से सम्मानित किया गया है.इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए.इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने इशारों ही इशारों केके पाठक को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा को लेकर सुधार अति आवश्यक है लेकिन इस बहाने अगर किसी तरह शिक्षक को परेशान किया जाएगा तो उसपर ध्यान दिया जाएगा।
कोई भी व्यक्ति किसी की शिक्षक या कर्मचारी का बाल भी बाँका नहीं कर सकता है. निरीक्षण के नाम पर सुधार के लिए उचित कदम ठीक है लेकिन किसी तरह की दंडनात्मक कारवाई किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.और इसको लेकर ख़ुद सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव देख रहे है।
वही शिक्षा विभाग के द्वारा छुट्टी की कटौती के आदेश निकालने और फिर उसे रद्द करने को लेकर शिक्षा मंत्री ने अधिकारियो को नसीहत देते हुए कहा कि हड़बड़ी में किसी तरह का निर्णय नहीं लिया जाय. इससे विभाग की फजीहत और किरकिरी हो रही है.उन्होंने आउटसोर्सिंग की बहाली में गड़बड़ी का मामले की चर्चा की और इस मामले की जाँच करने की उठी मांग पर विचार करने की बात कही।