पटना: शिक्षा विभाग और उसकी टीम ने एकसाथ 68 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर खलबली मचा दी। कहा जा रहा है कि बिहार के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि एकदिन में इतने बड़े पैमाने पर स्कूलों का निरीक्षण किया गया हो।
निरीक्षण के दौरान 11 हजार से अधिक कर्मी और पदाधिकारी शामिल हुए। निरीक्षण की कमान खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने संभाल रखी थी। उन्होंने पटना और जहानाबाद के कुछ 6 स्कूलों का निरीक्षण किया। इसमें 4 पटना जिले में तो दो स्कूल जहानाबाद के रहे।
पटना जिले के दो स्कूलों में मिली कुव्यवस्था से नाराज होकर केके पाठक ने दो स्कूलों के समूचे स्टाफ का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया। जानकारी के मुताबिक पटना जिले के क्षेत्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर और राजकीय बालिक उच्च विद्यालय अजीम चक के शिक्षक समेत पूरे स्टाफ का वेतन रोक दिया गया है।
दरअसल. उच्च माध्यमिक फतेहपुर में नामांकित 954 छात्र-छात्राओं में मात्र 314 छात्र उपस्थित थे। स्कूल के कंप्यूटर कक्ष में भी काफी गंदगी देखने को मिली। साथ ही शौचालय में भी गंदगी दिखी। साथ ही लाइट की समुचित व्यवस्था नहीं थी। हैरत की बात ये थी कि स्कूल के विकास कोष में 15.11 लाख और छात्र कोष में 8.12 लाख होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं की कमी पायी गयी।
वहीं, अजीमचक के राजकीय बालिक उच्च विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं थी। इस स्कूल में नामांकित कुल 92 में से मात्र 22 छात्र ही उपस्थित थे। प्रयोगशाला में धूल जमी हुई थी। कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं हो रहा था। शौचालय में भी साफ-सफाई नहीं दिखी।