पटना: सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण की अब स्थाई व्यवस्था होगी। इसके लिए मॉनिटरिंग अभियान को मॉनिटरिंग व्यवस्था में बदल दिया गया है। इसके तहत अब सरकारी विद्यालयों का नियमित मॉनिटरिंग किया जाएगा। जिलों के डीएम को इसका टास्क सौंपा गया है। इस संबंध में बुधवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने विद्यालयों के निरीक्षण अभियान को स्थाई निरीक्षण व्यवस्था में बदलने की जानकारी दी है।
जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में अपर मुख्य सचिव ने उनसे कहा है कि विद्यालय निरीक्षण अभियान को आशातीत सफलता मिली है। इसीलिए इस निरीक्षण अभियान को निरीक्षण व्यवस्था में बदला जा रहा है। ऐसे में वे प्रत्येक माह इस व्यवस्था के अनुसार निरीक्षण का रोस्टर स्थायी रूप से निर्गत करें। ताकि विद्यालय का निरीक्षण स्थायी प्रक्रिया बने । उन्होंने इसके लिए रोस्टर बनाकर काम करने का निर्देश दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस साल 23 जून को विद्यालयों के निरीक्षण का निर्देश दिया गया था। इसके तहत पहली जुलाई से पूरे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण शुरू किया गया था। रोजाना 22-23 हजार विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण रोस्टर प्रणाली से विद्यालयों में शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति में आशातीत वृद्धि हुई है।
अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से शाम 4 से 6 के बीच शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक नहीं करने को कहा है। उनके अनुसार रोजाना शाम 4 बजे से 6 बजे के बीच जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से सभी प्रधानाध्यापकों के साथ वीसी के माध्यम से बैठक की जाती है। ऐसे में वे इस अवधि में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक न करें । इसकी जगह पूर्वाह्न में उनके साथ बैठक की परंपरा स्थापित करें।