पटना: स्कूलों से पूर्व अनुमति के बगैर गायब रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को लेकर शिक्षा विभाग सख्त है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद पिछले करीब दो महीने के भीतर इस मामले में 6 हजार शिक्षकों का वेतन काटा गया है। वहीं, 55 शिक्षकों को गैरहाजिर रहने समेत विभिन्न मामलों में निलंबित किया गया है। एक जुलाई से राज्यभर के विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है।
हर एक विद्यालय का सप्ताह में कम से कम दो बार निरीक्षण हो, इसका आदेश विभाग ने जारी किया है। साथ ही जिलों से निरीक्षण की रिपोर्ट भी प्रतिदिन विभाग को जिलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। जिलों को निर्देश है कि निरीक्षण में न सिर्फ अनुपस्थित पाए गए शिक्षक, बल्कि उनपर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी रिपोर्ट विभाग को देना है।
जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि राज्य के चार जिले पूर्वी चंपारण, जमुई, शिवहर और सारण जिले में एक जुलाई से लेकर अभी तक एक भी शिक्षक का वेतन नहीं काटा गया है। वहीं, भागलपुर जिले में दो, अरवल में तीन तथा खगड़िया और रोहतास में नौ-नौ शिक्षकों का वेतन कटा है। अन्य जिलों में द से लेकर 300 शिक्षकों तक का वेतन काटा गया है।
बीते दो महीने के भीतर 55 शिक्षकों को विभिन्न कारणा से निलंबित किया गया है। इन सबसे ज्यादा करीब 26 शिक्षक एक ही जिले सीतामढ़ी से हैं। दूसरे नंबर पर बांका जिला है, जहां 6 शिक्षक सस्पेंड हुए हैं। बीते दो महीने में राज्य के 24जेलों में एक भी शिक्षक निलंबित नहीं हुआ है।