पटना: एक तरफ शिक्षक संघ और कई विधान पार्षद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर मनमानी आदेश निकालने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोले हुए हैं,और उनके तरफ से पाठक को हटाने की मांग की जा रही है.वहीं इस सबसे बेफिक्र केके पाठक अपने अभियान में लगे हुए हैं,और औचक निरीक्षण के जरिए थोड़ी से भी लापरवाही करने वाले शिक्षकों,कर्मचारियों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
इस कड़ी में कड़ाके की ठंढ में स्कूल परिसर के ग्राउंड से धूप की गरमाहट का आनंद ले रहे प्रधानाध्यापक और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर दी है.उनके निर्देश पर संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षक और वहां के टोला सेवक का वेतन बंद कर दिया गया है.इस आदेश की जानकारी मिलते ही संबंधित शिक्षक के साथ ही पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
यह मामला राज्य के मधुबनी जिला के पंडौल तेतराहा प्राइमरी स्कूल से जुड़ा हुआ है.मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों की टीम जब निरीक्षण के लिए पंडौल तेतराहा प्राइमरी स्कूल पहुंची तो उस समय कई शिक्षक,टोला सेवक और प्रधानाध्यापक स्कूल परिसर में ठंढी हवा के बीच गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे थे,निरीक्षण टीम के स्कूल पहुंचते ही इनलोगों ने टीम का आगे बढ़कर स्वागत किया,पर प्रधानाध्यापक के साथ शिक्षकों का क्लासरूम के बजाय धूप में आनंद लेने की गतिविधि को निरीक्षण करने वाली टीम ने गंभीरता से लिया।
इसकी रिपोर्ट केके पाठक जब मिली तो उन्हौने सभी पर कार्रवाई का निर्देश दिया.उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आनन-फानन में तेतराहा प्राइमरी स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक के साथ ही टोला सेवक से स्पष्टीकरण की मांग कर दी और तबतक इनका वेतन बंद रखने का आदेश जारी कर दिया.इस आदेश के बाद स्कूल के साथ ही अन्य शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।