पटना: शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव केके पाठक ने बड़ा आदेश जारी करते हुए कुलपतियों के चालू खातों को बंद करने का आदेश दिया है. सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के लिए जारी आदेश के अनुसार, चालू खाते के पैसे को बचत खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया है।
बता दें कि इससे पहले बीते नवंबर में केके पाठक ने दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों, परीक्षा नियंत्रकों, वित्त पदाधिकारियों एवं वित्त परामर्शियों का वेतन स्थगित करने का आदेश दिया था. इससे राजभवन और शिक्षा विभाग आमने सामने हो गया था. मामला इन दोनों ही यूनिवर्सिटीज में लेट रिजल्ट देने से जुड़ा हुआ था।
बता दें कि इससे पहले भी केके पाठक इससे पहले भी कुलपतियों का वेतन रोकने का आदेश दे चुके हैं. तब मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के प्रभारी वीसी और प्रो वीसी का वेतन रोका गया था. उनकी वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था जिसे लेकर विवाद छिड़ गया था. तब राज्यपाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया था और केके पाठक के एक्शन पर सवाल खड़े किए थे।
तब राज्यपाल के प्रमुख सचिव ने पत्र लिखकर शिक्षा विभाग को बताया था कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों का ऑडिट तो कर सकती है, लेकिन बैंक खातों को जब्त करने और वित्तीय शक्तियां छीनने का अधिकार नियम के अनुसार, उनके पास नहीं है।
राजभवन ने कहा था कि वीसी और प्रोवीसी के वेतन रोकने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है।
राजभवन ने तब आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग चांसलर के अधिकार क्षेत्र में घुस रहा है. इस आदेश को रोकने के लिए तब बैंकों को पत्र भी लिखा गया था।