बिहार सरकार के तरफ से कल विधानसभा में सूबे का बजट पेश किया गया है। इस बजट में महिलाओं का खास ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही इस बजट में पहली बार महिला हाट खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद लोगों के मन में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर यह महिला हाट है क्या और इसमें क्या सुविधा मिलने वाली है। तो आइए जानते हैं आपके हरके सवाल का जवाब।
सबसे पहले महिला हाट है क्या
दरअसल, महिला हाट उस जगह को कहा जाता है जहां महिलाओं की जरूरत की सभी चीजें एक जगह पर उपलब्ध हो। इसमें खाने पीने की चीजों से लेकर कला और घरेलू हर तरह की जरूरी वस्तुएं मिलती हैं। जिससे महिलाओं को अधिक इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है। आइए अब जानते हैं कि यह महिला हाट कहां लगने वाला है।
कहां खुलेगा महिला हाट
जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार ने जिस महिला हाट का जिक्र अपने बजट भाषण में किया है उसके लगाने को लेकर जो जगह तय किए गए हैं। वह जगह है गंगा नदी के किनारे मरीन ड्राइव के बगल में LCT घाट से दीघा के बीच। इस हाट में सिर्फ महिला व्यवसाई ही अपना कार्ट लगा सकती हैं।
महिला हाट में क्या – क्या मिलेगा
महिला हाट में खाने-पीने, पेंटिंग, ग्राफ्ट, शिल्प, कला, नावाचार से संबंधित सामग्रियां मिल सकेंगी। शहर के अलग-अलग इलाकों में समय-समय पर मेले का आयोजन होता है लेकिन यह जगह ऐसा होगा जहां लोग सालभर घरेलू उत्पाद की सामग्री खरीद सकते हैं। इसमें हस्तशिल्प की सामग्रियां अधिक मिलेंगी।
दुकान लगाने के लिए क्या करना होगा
महिला हाट को लेकर जब फर्स्ट बिहार की टीम ने अधिकारियों से बातचीत और उनसे सवाल किया कि इस जगह यदि कोई महिला अपना समान बेचना चाहती है तो उसके लिए क्या करना होगा तो इसके जवाब में उन्होंने बताया कि यहां छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वाली महिलाओं के लिए एक जगह तय होगा। इसमें वे अपने उत्पाद को सालोंभर बेच सकेंगी। महिला हाट में उन्हें स्थायी तौर पर स्टॉल भी उपलब्ध कराया जाएगा, जहां अपनी सामग्री बिक्री के लिए रख सकती हैं। इसके लिए महिलाओं कारोबारियों का निबंधन कराया जाएगा। प्रदेशभर की महिला उद्यमियों को इसके लिए चयनित किया जाएगा।
800 करोड़ रुपए होंगे खर्च
इधर, इसमें महिलाओं और बुजुर्गों के लिए जॉगिंग ट्रैक, बच्चों के मनोरंजन के लिए आधुनिक पार्क, तितली पार्क, जैव विविधता पार्क, वेंडिंग जोन, मनोरंजन के लिए खुली जगह, लोगों की सुरक्षा के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, अटल पथ के रोटरी का सौदर्याकरण किया जाना है। इसके अलावा कुर्जी घाट से कलेक्ट्रेट घाट तक गंगा चैनल भी बनाया जाएगा, जिसमें लोगों को स्वच्छ गंगा का पानी मिलेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 387 करोड़ का खर्च आएगा।
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