कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस अपराध के पीछे का उद्देश्य क्या था ? कितने लोग इसमें शामिल थे, और दोषियों की सही पहचान की स्पष्टता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस जघन्य घटना में एक ही व्यक्ति शामिल है या फिर इसमें कई लोग शामिल हैं।
आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत
सोमवार रात आठ घंटे चली जनरल बॉडी बैठक के बाद, मंगलवार से जूनियर डॉक्टरों ने फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की है। जूनियर डॉक्टरों के मंच ने सभी मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इस संबंध में जूनियर डाक्टरों के प्रतिनिधि डॉक्टर अनिकेत महतो ने सवाल उठाया, “अगर नौ अगस्त की घटना के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाता और घटना का ‘मोटिव’ (उद्देश्य) स्पष्ट नहीं होता, तो हम अस्पताल परिसर में खुद को सुरक्षित महसूस कैसे करेंगे?”
सुरक्षा के लिए सिर्फ पुलिस की तैनाती पर्याप्त नहीं
अनिकेत ने आगे कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग कई बार की गई है, लेकिन सुरक्षा के लिए सिर्फ पुलिस की तैनाती पर्याप्त नहीं है। जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि इस अपराध में कितने लोग शामिल थे और इसके पीछे की वजह क्या थी, तब तक डॉक्टर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में लगातार टालमटोल किया जा रहा है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस घटना में अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और टाला थाने के प्रभारी अधिकारी को जांच में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अनिकेत ने कहा, “हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि इस घटना में कई लोग शामिल हो सकते हैं। सीबीआई को इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि हमारी यह आशंका सही है या नहीं और साथ ही घटना के पीछे का उद्देश्य भी सामने आना चाहिए।”
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिए गए बयानों का किया खंडन
जूनियर डॉक्टरों ने यह मांग भी रखी कि सीबीआई न केवल अस्पतालों में सुरक्षा के लिए ऑन-कॉल रूम और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करे, बल्कि इस मामले के आरोपितों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए। उन्होंने मृतक डॉक्टर के पोस्टमॉर्टम को लेकर सरकार द्वारा दिए गए बयानों का खंडन किया और कहा कि पोस्टमॉर्टम की पारदर्शिता पर सवाल उठाकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जिसका डॉक्टरों से कोई लेना-देना नहीं है।
सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया
दरअसल पहले यह हड़ताल सिर्फ सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों द्वारा की जा रही थी, लेकिन सोमवार रात की जनरल बॉडी बैठक के बाद सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने राज्य सरकार के समक्ष दस प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करने से लेकर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पारदर्शी और तेजी से कार्रवाई की मांग शामिल है।