बिहार में कोसी, महनंदा, गंडक अपने उफान पर, पूर्णिया के 50 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित; घरों में घुसा पानी
बिहार में कोसी, महनंदा, गंडक अपने उफान पर है. कई जिलों में बारिश से लगातार नदियां अपने निशान से ऊपर बह रही है. नेपाल में हो रही बारिश के चलते भी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. पूर्णिया में बाढ़ के पानी में 5 सड़कें बह गई हैं तो इससे 16 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क भी टूट गया है. जिससे 30 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. ऐसे में सबसे ज्यादा आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन बिहार में बाढ़ के पानी से जनता त्रस्त है और प्रशासन की तैयारी को लेकर अब भी नाकाम कोशिशें ही दिख रही है. बाढ़ तो हर साल आती है, लेकिन सरकारी की तैयारी नहीं दिखती. जनता के मुद्दों पर सिर्फ मामले को एक दूसरे पर टालने की राजनीति होती है. राज्य की सरकार केंद्र की जिम्मेदारी बताती है तो केंद्र सरकार राज्य की जिम्मेदारी बता कर अपना पल्ला झाड़ लेती है.
22 पंचायत के 50 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित
आपको बता दें कि पूर्णिया में 22 पंचायत के 50 से ज्यादा गांव बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. एक साथ परमान, कनकई और महानंदा नदी में आई उफान की वजह से हजारों की आबादी प्रभावित हुई है. कई घरों में पानी घुस आया है तो कई सड़क बाढ़ की वजह से टूट चुके हैं. लिहाजा अमौर प्रखंड मुख्यालय से लोगों का संपर्क कट गया है. अमौर के बिशनपुर पंचायत में घरों में पानी घुस गया है. सड़क और घर में पानी घुसने से लोगों का जीना दूभर हो गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की तैयारी नहीं है. लोग किसी तरह से जिंदगी गुजार रहे हैं. लोगों का कहना है कि खेत दरिया बन गए हैं. मेहनत से लगाई हुई फसल बर्बाद हो चुकी है. स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विवेकानंद झा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा नाव नहीं दिए जाने के कारण काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि कई लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रसाशन को बाढ़ राहत कार्य शुरू करना चाहिए और फसल क्षति का मुआवजा देना चाहिए.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.