72 साल की उम्र में भी कांवर से जलाभिषेक करेंगी मुजफ्फरपुर की कृष्णा बम, देवघर हुईं रवाना

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भगवान भोलेनाथ की भक्त कृष्णा बम आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. वे मुजफ्फरपुर से सुल्तानगंज निकलती है. वहां से देवघर तक की यात्रा करने वाली कृष्णा बम के दर्शन के लोग अभिलाषी रहते है. वे सावन की पहली सोमवारी यानी 22 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करेंगी, उनकी एक झलक पाने के लिए लोग अभी से ही उत्साहित हैं।

सुल्तानगंज से देवघर तक करेंगी सफर: उनकी उम्र 72 वर्ष है. वे बिना रुके सुल्तानगंज से देवघर तक का सफर तय करेंगी. इसी वजह से उन्हें कृष्णा बम की पहचान मिली है. वे बीते 40 वर्ष से बाबा बैद्यनाथ को पैदल जलाभिषेक करने वाली अनोखी भक्त है. कृष्णा बम को देखने और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए सुल्तानगंज से लेकर बाबा धाम तक होड़ लगी रहती है।

महादेव का करेंगी जलाभिषेक: यह मान्यता है कि महादेव की विशेष कृपा कृष्णा माता बम पर प्राप्त है. वे इस बार 41वीं बार महादेव का जलाभिषेक करेंगी. वर्ष 1976 में पहली बार बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करने वाली कृष्णा माता बम को 1982 में बाबा बैद्यनाथ के दरबार में गईं. इसके बाद से लेकर 2022 तक लगातार वह बतौर डाक बम के रूप में सुलतानगंज से गंगा जल लेकर देवघर के बाबा बैद्यनाथ जाती हैं. वहां जलाभिषेक करती आई हैं।

महाकाल मंदिर में जाकर भी करेंगी पूजा: वर्ष 2023 में हादसा में पैर टूटने की वजह से नहीं जा सकी थीं लेकिन शिव के प्रति आस्था ने उन्हें एक बार फिर से खड़ा कर दिया है. इस बार भी वे जा रही हैं. देवघर के बाद ओंकारेश्वर और फिर महाकाल मंदिर में जाकर जलाभिषेक कर आशीर्वाद लेंगी. यही नहीं बल्कि हर सोमवार को अलग-अलग धाम विशेषकर बाबा के ज्योतिर्लिंग का दर्शन पूजन करती आई हैं।

“72 साल की कृष्णा माता बम ने कहा कि मैं कुछ नहीं करती बस महादेव सब कुछ करवा देते हैं. मेरा कुछ भी नहीं है जो है वह सब महादेव का दिया हुआ है. मैं वर्ष 1982 से लगातार बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए निकलती हूं. सावन माह की पहली सोमवार को शुरूआत करते हुए दूसरी, तीसरी और चौथी सोमवार को अलग-अलग ज्योतिर्लिंग का दर्शन पूजन करती हूं. इस बार वह बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने के बाद एमपी के ओंकारेश्वर का दर्शन कर नर्मदा नदी का जलभोझी कर बाबा महाकाल का दर्शन पूजन करेंगी और फिर आगे का पड़ाव जारी रखेंगी.” – कृष्णा बम, भक्त

मानसरोवर का दर्शन अद्भुत: कृष्णा जी बताती हैं कि जीवन के सबसे बड़े और अद्भुत क्षण में से एक कैलाश पर्वत का दर्शन करना और मानसरोवर का दर्शन करना रहा है. यह अलौकिक है और सनातन धर्म में इसका विशेष आध्यात्मिक महत्व भी है. इसकी चर्चा महादेव ने शिवपुराण में की है. महादेव से जो भक्त दिल से जो भी मांगता है, वह उसकी मुराद अवश्य पूरा कर देते हैं।

पाकिस्तान में भी कर चुकी जलभिसेख: बता दें कि साल 2019 में भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद कृष्णा बम पाकिस्तान के लाहौर से 180 किमी की दूरी पर अवस्थित कटास राज मंदिर महादेव का दर्शन और पुजा कर आ चुकी है. यही नहीं उस दौरान पाकिस्तान की सरकार ने उन्हें विशेष भेंट भी दिया था, जिसको आज भी वह संजोए कर रखी हुई हैं।

यहां गिरे थे भगवान शिव के आंसू: कृष्णा माता बम ने कहा कि महाभारत काल के दौरान में युधिष्ठिर द्वारा दिए गए उत्तर के बाद तालाब का जल ग्रहण किया था और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. दुनिया भर में कटास जी महाराज मंदिर और राजस्थान के पुष्कर में पुष्कर झील का विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव के दो आंसू इन्हीं दो जगहों पर गिरे थे।

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