कुर्मी, कोइरी, भूमिहार…, नीतीश की नई कैबिनेट में जाति समीकरण का रखा गया है पूरा ख्याल
नीतीश कुमार आज शाम 5 बजे एक बार फिर से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे. वहीं नीतीश कुमार के साथ-साथ उनकी नई कैबिनेट के करीब 8 अन्य मंत्री भी राजभवन में शपथ लेने वाले हैं. नीतीश कुमार की इस नई कैबिनेट में सियासी समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. बिहार में जाति के महत्व को समझते हुए एनडीए की नई सरकार में नीतीश कुमार और बीजेपी ने सभी बड़ी जतियों के प्रतिनिधित्व को जगह दी है. इस बार तो नीतीश कैबिनेट में बीजेपी ने अपने 2 बड़े चेहरों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम पद के लिए आगे किया है.
नीतीश कुमार: सबसे पहले बात करते हैं बिहार के सीएम नीतीश कुमार की. नीतीश कुमार खुद कुर्मी जाति से आते हैं. बिहार में बीते साल हुए जातीय जनगणना के अनुसार प्रदेश में कुर्मी जाति की हिस्सेदारी 2.87 प्रतिशत के करीब है. कुर्मी जाति की कुल जनसंख्या 37 लाख 62 हज़ार 969 है. ऐसे में इस जाति के वोट बैंक को साधते हुए नीतीश कुमार के अलावा कुर्मी जाती से ही आने वाले जेडीयू नेता श्रवण कुमार को भी बिहार के नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.
सम्राट चौधरी: वहीं कोइरी समाज से आने वाले सम्राट चौधरी को इस बार बीजेपी ने आगे लाकर डिप्टी सीएम बनाने की रणनीति बनाई है. सम्राट चौधरी कोइरी जाति से आते हैं. जातीय जनगणना के अनुसार बिहार में कोइरी जाति करीब 4.21 प्रतिशत के करीब है. इनकी संख्या 55 लाख 6 हजार 113 है. ऐसे में नीतीश कुमार की नई सरकार में कोइरी जाति को साधने के लिए सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाकर बड़ा जाति कार्ड खेलने की कोशिश की जाएगी.
विजय सिन्हा: नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में विजय सिन्हा को भी डिप्टी सीएम बनाया जा रहा है. विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं. बिहार में भूमिहार जाति करीब 2.86 प्रतिशत के करीब है. भूमिहार जाति के लोगों की जनसंख्या 3750886 है. इस बार बीजेपी पिछड़ी जातियों के साथ-साथ स्वर्ण जातियों को लुभाते हुए सरकार में जगह दी गई है. भूमिहार जाति के वोट बैंक को साधने के लिए इस बार फिर से नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय चौधरी को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी.
इन चेहरों को भी मिला मौका
वहीं इसके अलावा प्रेम कुमार जो कि कहार जाति से आते हैं. उनको भी बिहार कैबिनेट में जगह मिल रही है. इसके साथ ही यादव वोट बैंक को देखते हुए यादव कोटे से विजेंद्र यादव को भी बिहार कैबिनेट में जगह दी जाएगी. बता दें बिहार में यादवों का जाति प्रतिशत 14.26 प्रतिशत के करीब है, जो कि सबसे अधिक है. वहीं दलित समाज के वोटरों को साधने के लिए HAM नेता और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को भी नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा राजपूत वोटरों को ध्यान में रखते हुए इस बार फिर निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के बेटे को नीतीश कुमार अपनी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाएंगे. बता दें, नीतीश कुमार के अलावा आज सिर्फ 8 मंत्री शपथ लेंगे. लेकिन, जल्द ही नीतीश कुमार की कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा, जिसमें अन्य जातियों का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की जा सकती है.
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