National

LAC: डेमचोक और डेप्सांग में डिसएंगेजमेंट की शुरुआत, जय श्री राम’ उद्घोष के साथ भारत-चीन के सैनिकों की वापसी शुरू

LAC : रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर के दो टकराव बिंदुओं डेमचोक और डेप्सांग में डिसएंगेजमेंट की शुरुआत हो गई है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों ने चीनी जवानों के साथ खुशनुमा माहौल में चाय पर चर्चा की और फिर उनसे ‘जय श्री राम’ का उद्घोष कराया। इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों ने संबंधित क्षेत्रों में अपने-अपने हथियारों की वापसी शुरू कर दी है। भारतीय सेना और चीनी सेना 28-29 अक्टूबर तक डिसएंगेजमेंट पूरा करके अपने-अपने गश्ती बिंदुओं तक पेट्रोलिंग शुरू कर देंगी।

23 अक्टूबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता 

दरअसल, पीएम मोदी के रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जाने से पहले 21 अक्टूबर को घोषणा की गई थी कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर एक समझौता हुआ है, जिसे पांच साल से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद के तौर पर देखा गया। इसके बाद पीएम मोदी ने रूस में 23 अक्टूबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता की और पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते का स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता आपसी विश्वास द्विपक्षीय संबंधों का आधार बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई भी शामिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 अक्टूबर को नई दिल्ली में चाणक्य डिफेंस डायलॉग में कहा कि भारत और चीन एलएसी के कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई भी शामिल है। दोनों देशों के बीच समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि यह सहमति बनना लगातार बातचीत का ही नतीजा है, जिसके परिणाम देर-सबेर सामने आएंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि विकास और सुरक्षा को अक्सर अलग दृष्टिकोण से देखा जाता है लेकिन वास्तव में ये गहरे रूप से आपस में जुड़े हुए और एक-दूसरे को मजबूत करने वाले हैं।

क्या था विवाद

गौरतलब हो कि चीन के साथ मई, 2020 में सीमा गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच डेप्सांग मैदान और डेमचोक क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, पैंगोंग झील, गोगरा (पीपी-17 ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी के बावजूद अभी भी लद्दाख क्षेत्र के दोनों इलाकों में भारतीय और चीनी सेनाओं के हजारों सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं। चीन के साथ ताजा समझौते के बाद भी एलएसी पर सीमा विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि दोनों देश 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। यह सीमा तीन सेक्टरों ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बंटी है, जिसमें लद्दाख वेस्टर्न सेक्टर में आता है।

इसी पूर्वी लद्दाख के पश्चिम सेक्टर में आने वाले डेप्सांग और डेमचोक इलाके पर भारत और चीन के बीच हुई 19वें दौर की सैन्य वार्ता में चर्चा की गई थी। दोनों देश गश्त की ‘सीमाओं’ को परिभाषित करने, एक-दूसरे की गश्त के बारे में पूर्व सूचना का आदान-प्रदान करने, सीमा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने और बफर जोन से दोनों पक्षों के सैनिकों को कम करने पर सहमत हुए थे। अब नए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेमचोक और डेप्सांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों के अनुसार भारतीय सैनिकों ने संबंधित क्षेत्रों में पीछे के स्थानों पर उपकरणों को वापस खींचना शुरू कर दिया है।

भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों से ‘जय श्री राम’ का उद्घोष कराया

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने के लिए हुए समझौते के बाद चार साल से अधिक समय से तैनात दोनों पक्षों के सैनिकों में कमी आएगी और साथ ही हथियार भी वापस लिये जाएंगे। हालांकि, डेप्सांग और डेमचोक इलाके में अभी बफर जोन बनाने की घोषणा नहीं हुई है लेकिन यहां दोनों देशों के सैनिक इकठ्ठा हुए और साथ बैठकर चाय पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बने रहने के बाद आपसी विश्वास बहाली पर चर्चा हुई। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों से ‘जय श्री राम’ का उद्घोष कराया। उसके बाद दोनों देशों के सैनिकों ने संबंधित क्षेत्रों में अपने-अपने हथियारों और सैन्य उपकरणों की वापसी शुरू कर दी है, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति मई, 2020 से पहले जैसी हो जाएगी। भारतीय सेना और चीनी सेना 28-29 अक्टूबर तक डिसइंगेजमेंट पूरा करके अपने-अपने गश्ती बिंदुओं तक पेट्रोलिंग शुरू कर देंगी।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी