तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू अब नंदिनी घी से नहीं बनेंगे, सामने आई ये बड़ी वजह
तिरुपति बालाजी मंदिर से पूरे देश के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। हर साल करोड़ों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर में मिलने वाला लड्डू भी पूरे देश में प्रसिद्ध है। कहते हैं कि ऐसे स्वाद के लड्डू कही नहीं मिलते। ये लड्डू शुद्ध बेसन, घी, चीनी और काजू-किशमिश से बनाए जाते हैं। इन लड्डूओं को बनाने में शुद्ध देशी नंदिनी घी का प्रयोग होता था। लेकिन अब ये घी मंदिर को नहीं दिया जा रहा है। घी की सप्लाई करने वाली कंपनी ने बालाजी मंदिर में घी देने से मना कर दिया है।
इस वजह से बंद कर दिया गया घी की सप्लाई
नंदिनी घी को बनाने वाली कंपनी KMF कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का कहना है कि घी की कीमत काफी बढ़ गई है और मंदिर हर 6 महीने पर टेंडर निकालता है। टेंडर में सभी कंपनियां भाग लेती हैं जो भी सबसे कम कीमत में घी देने को तैयार हो जाता है उसे टेंडर दे दिया जाता है। अब इतनी महंगाई में सबसे कम कीमत में घी देना हमारे लिए बहुत ही नुकसान का सौदा साबित हो रहा था। हमारा समझौता डेढ़ साल पहले ही खत्म हो गया था। आखिरी सप्लाई हमने साल 2021-22 में की थी। उस वक्त टेंडर हमें 400 रुपए प्रति किलो घी देने के एवज में मिला था। जिसमें 6 महीने के लिए हमें 2050 मिट्रिक टन घी मंदिर को पहुंचाना था। लेकिन इतने कम पैसे में हमें नुकसान हो रहा था इसलिए हमने 350 मिट्रिक टन ही घी दिया। फिलहाल हम अपने घी की कीमत 400 से ज्यादा चाहते हैं। KMF (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन) के MD ने कहा कि अगले 6 महीने में फिर से टेंडर निकलेंगे और हम फिर से अपनी बोली लगाएंगे। KMF एक स्वतंत्र संस्था है कोई सरकारी नहीं कि हम इतने कम कीमत में अपना घी दें।
वहीं, तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम के धर्म रेड्डी का बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि KMF के अध्यक्ष का बयान गलत है। “हमने KMF को कभी भी मंदिर के घी की आपूर्ती के लिए कभी नहीं कहा। TTD सभी आवश्यक वस्तुओं की खरीद करता है पूरे भारत में पात्र आपूर्तिकर्ताओं को आमंत्रित करके ई-टेंडर प्रक्रिया से घी की खरीददारी करता है। हम ई-टेंडर की प्रक्रिया को तब तक नहीं खोलते जब तक हम प्रतिभागियों को नहीं जानते।
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