लखीसराय में पहली बार बहलाकर प्रेम जाल में फांस कर एक लड़की से शादी करने एवं उसके बाद उसकी संपत्ति पर बुरी नजर रखने वाले सिरफिरे आशिक द्वारा परिवार के छह लोगों को गोलियों से छलनी कर देने की घटना से शहर के लोग सहमे हुए हैं। शहर के वार्ड नंबर 15 पंजाबी मोहल्ला में दिनदहाड़े हथियार लहरा कर बेखौफ घटना को अंजाम देने वाले आशाष चौधरी के इस कारनामे से पीड़ित परिवार टहशत में है।
वहीं पुलिस द्वारा पंजाबी मोहल्ला में लगातार संदिग्धों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई से स्थानीय निवामी भी डरे सहमे हुए हैं। पुलिस ने अभी तक इस मामले लाइनर राजन पासवान और आशीष चौधरी का खाम राजदार प्रापर्टी डीलर उमेश साव को जेल भेजा है। पुलिस दोनों की कुंडली खंगाल रही है।
मास्टर माइंड उमेश ने खोला राज:
पुलिस ने जब उमेश से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पुरा राज खोल दिया। आशीष चौधरी अपना मकान बेचने के बाद उमेश साव के आलीशान घर में रहता था। दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती थी। उमेश आशाष का हर राज जानता था। आशांष को फिर से दुर्गा चाहिए था जबकि उसके इन दोस्तों की नजर टुर्गा के साथ ही उसके पिता की जमीन और मकान पर थी।
यही वजह रही निशाने पर दुर्गा के साथ ही उसका परिवार आ गया। सबको एक साथ खत्म कर देने की योजना बनी। इसके बाद उमेश साव ने ही आशीष को पिस्टल और कारतूृस उपलब्ध कराए। जब्बकि राजन ने लाइनर की भ्रूमका निभाई। घटना रविवार की शाम अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के समय ही हो जाती लेकिन उस दिन दुर्गा घाट पर नहीं गई थी।
पुलिस के अनुसार उमेश साव आपराधिक प्रवृत्ति का है। पूर्व में वह चर्चित कोचिंग संचालक सुधीर सक्सेना मर्डर में जेल जा चुका है। हाल में उमेश ने प्रापर्टी डीलिंग से अकूत संपत्ति अर्जित कर पंजाबी मोहल्ला में पांच आलीशान मकान बनाया है। पुलिस पूरी पड़ताल कर रही है। उधर पुलिस अधीक्षक पंकज कुआर की निगरानी में एएसपी रोशन कुमार के नेतृत्व में गठित एसआइटी फरार मुख्य आरोपित आशाष चौधरी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
पुलिस आशीष चौधरी के कई कराबियों एवं अन्य आघा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर उससे गहन पूछताछ कर रही है। लखीसराय पुलिस का कहना है कि आशीष ने गोलीबारी एवं हत्या की घटना को अंजाम दिया जिसमें उसी के मोहल्ले के राजन पासवान ने लाइनर की भूमिका निभाई जबकि उमेश साव ने उसे पिस्टल एवं कारतूस उपलब्ध कराया।
उक्त दोनों अपराधी रहे हैं तथा शराब तस्करी से भी जुड़े रहने का प्रमाण मिले हैं। उक्त दोनों अपराधियों की नजर दुर्गा झा के परिवार की कीमती जमीन और मकान पर थी। उसने सिरफिरे आशाष चौधरी को दुर्गा द्वारा धोखा देने की बात दिमाग में डालकर उसके परिवार को खत्म करने की साजिश रची।
हालांकि आशीष द्वारा लिखी 15 पन्ने की प्रेम कहानी को आधार बनाकर पुलिस पूरे मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर टेख रही है।