बिहार के मेजर मनोज कुमार ने देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया। मेजर मनोज कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही अरवल के करपी थाना क्षेत्र स्थित लोदीपुर गांव में उनके परिजनों को मिली उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मनोज के पिता अशोक कुमार प्रभाकर भी आर्मी से रिटायर हैं और फिलहाल रेलवे में नौकरी करते हैं। बेटे के शहीद होने की खबर मिलने के बाद उनके होश उड़ गए।
शहीद मेजर मनोज के पिता अशोक कुमार प्रभाकर ने बताया कि सोमवार की रात उन्हें बेटे के शहीद होने की जानकारी व्हाट्सएप कॉल के जरिए दी गई। मनोज कैसे शहीद हुए इसकी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि मनोज बहुत ही हंसमुख प्रवृत्ति के थे और काफी संजीदगी से बात किया करते थे लेकिन अचानक मंगलवार की सुबह 9 बजे मोबाइल पर यह मनहूस खबर मिली। उन्होंने बताया कि मनोज कुमार भारत चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे।
शहीद मनोज ने नालंदा सैनिक स्कूल से पास आउट करने के बाद जून 2016 में एनडीए कंप्लीट कर सेना में योगदान दिया था। डेढ़ साल पहले ही उसकी धूमधाम से शादी हुई थी। शादी के बाद सभी परिवार कानपुर में रहते हैं। घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शहीद मेजर अपने गांव में काफी लोकप्रिय थे। 6 भाइयों में मनोज सबसे बड़े थे।
इधर, डीएसपी राजीव कुमार रंजन ने मेजर मनोज कुमार को शहीद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि पार्थिव शरीर बुधवार को लोदीपुर गांव पहुंचने की संभावना है। जहां इनका अंतिम संस्कार अरवल सोन नदी में सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा।